Haryana : लोकसभा चुनाव की गिनती का अंत आस-पास है। इस चुनाव में उम्मीदवारों ने प्रचार में अलग-अलग दिशा में रवाना हो गए। हाल ही में हिसार लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार जयप्रकाश, जिन्हें जेपी(JP) के नाम से भी जाना जाता है, के खिलाफ कई सवाल उठाए गए हैं। जिसके परिणामस्वरूप पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह(Birendra Singh) ने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस(Congress) में शामिल हो गए।
बता दें कि बीरेंद्र सिंह ने दिल्ली में कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस के समर्थन में लोग थे, लेकिन जेपी के समर्थन में नहीं। उन्होंने कहा कि वह जनसभाओं का अनुभव कर रहे हैं और उन्हें लगता है कि जेपी को कुछ असेंबली सीटों पर अधिक समर्थन मिलेगा। बीरेंद्र सिंह ने आगे कहा कि जेपी को इस तरह के टिप्पणियों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि नतीजे आने के बाद जेपी ही उत्तर देंगे और उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी भी स्थान पर जाएंगे, जहां उन्हें बुलाया जाए। वह कुरुक्षेत्र, सिरसा और अन्य क्षेत्रों में सक्रिय रहे हैं, और अगर कोई उन्हें बुलाए, तो वह वहां जाएंगे।
इस बीच जयप्रकाश और बीरेंद्र के बीच विवाद बढ़ गया है। जयप्रकाश ने हिसार से टिकट प्राप्त करने के बाद सबसे पहले बीरेंद्र सिंह से संपर्क किया और उनसे समर्थन मांगा, लेकिन बीरेंद्र सिंह ने उन्हें अपने घर पर मिलने के लिए कहा। फिर जयप्रकाश ने उनसे घर मिलने के लिए समय मांगा, लेकिन बीरेंद्र सिंह ने उनसे बोला कि वह अपने समर्थकों के साथ हैं और उनसे समर्थन मांगने के लिए वहां जाएंगे।
प्रचार से गायब रहे बीरेंद्र सिंह
जयप्रकाश ने भी समर्थकों के बीच मीटिंग में हिस्सा लिया, लेकिन बीरेंद्र सिंह ने प्रचार कार्यक्रम से गायब रहे। हरियाणा कांग्रेस में इस विवाद का सबसे बड़ा प्रभाव हिसार लोकसभा सीट पर हुआ। इसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड़ा ने भी जेपी का प्रचार किया। इसके अलावा कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी और बीरेंद्र सिंह भी अभावग्रस्त रहे।