BBMB ने हरियाणा को तुरंत प्रभाव से 8500 क्यूसेक पानी देने का फैसला किया
पंजाब सरकार ने इस फैसले का सख्त विरोध किया और साइन करने से मना कर दिया
केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर 5 घंटे चली मीटिंग में हुआ निर्णय
BBMB water dispute: भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने हरियाणा को भाखड़ा डैम से 8500 क्यूसेक पानी तुरंत छोड़ने का फैसला किया है। यह निर्णय बुधवार को चंडीगढ़ स्थित BBMB मुख्यालय में हुई 5 घंटे लंबी बैठक के बाद लिया गया। हालांकि पंजाब सरकार ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया और स्पष्ट रूप से विरोध दर्ज कराया। यह मीटिंग केंद्रीय बिजली मंत्रालय के आदेश पर बुलाई गई थी, जिसके मंत्री हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हैं। बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने की।
बैठक में हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, सिंध के प्रतिनिधियों के साथ भारत सरकार के अधिकारी भी मौजूद थे। चर्चा के दौरान हरियाणा को पानी देने के पक्ष में वोटिंग हुई, जबकि पंजाब इसका विरोध करता रहा। हिमाचल प्रदेश ने तटस्थ भूमिका निभाई, वहीं भाजपा शासित राज्यों ने हरियाणा का समर्थन किया।
सूत्रों के अनुसार, जब हरियाणा ने तुरंत पानी छोड़ने की मांग की, तो पंजाब सरकार के अधिकारी तीखे तेवर में आ गए और किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। BBMB के अधिकारियों ने साफ किया कि वे पंजाब के विरोध के बावजूद भाखड़ा डैम रेगुलेशन के तहत पानी छोड़ने को बाध्य हैं।
इस मामले पर पंजाब सरकार का कहना है कि हरियाणा के लिए 1700 क्यूसेक पानी ही काफी है, और उसके पास देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। वहीं, BBMB ने तर्क दिया कि यह “स्पेशल केस” है और रेगुलेशन मैनुअल की बाध्यता नहीं है। एक तकनीकी कमेटी बनाने का प्रस्ताव भी पंजाब ने ठुकरा दिया।
दोनों राज्यों में पानी को लेकर विवाद पिछले दो दिनों से तेज़ हो गया है। पंजाब का आरोप है कि हरियाणा अपना हिस्सा इस्तेमाल कर चुका है, जबकि हरियाणा का दावा है कि पंजाब जानबूझकर पानी की कटौती कर रहा है।
इस विवाद में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री खुलकर आमने-सामने आ चुके हैं। केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि पंजाब राजधर्म नहीं निभा रहा और BBMB पर किसी का दबाव नहीं चलने देंगे। इसके जवाब में पंजाब CM भगवंत मान ने हरियाणा CM को पत्र लिखकर कहा कि उनके पास अतिरिक्त पानी नहीं है। इस फैसले से आने वाले दिनों में पंजाब की राजनीति और गरमा सकती है, और मामला कोर्ट तक भी पहुंच सकता है।