मंडी में कहर बनकर फटा 2

कहर बनकर फटा बादल, दो के शव बरामद, कई दबे, सेना पहुंची, रेस्‍कयू जारी

हरियाणा की बड़ी खबर हिमाचल प्रदेश

हाइलाइट्स


➤ चंडीगढ़-मनाली और पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे बीती रात से पड़े हैं बंद
➤ चंडीगढ़-मनाली एनएच पर 4 मील, 9 मील, दवाड़ा, झलोगी और अन्य स्थानों पर हुआ है भारी भूस्खलन(
➤ इसी तरह से पठानकोट मंडी पर भी पधर से लेकर मंडी तक अनेकों स्थानों पर हुआ है भूस्खलन
➤ जिला में अभी भी जारी है बारिश का दौर, राहत कार्यों में पेश आ रही हैं दिक्कतें
➤ मंडी शहर के विक्टोरिया पुल के पास भी हुआ है भीषण लैंडस्लाइड
➤ चंडीगढ़-मनाली और मंडी-जोगेंद्रनगर फोरलेन बंद, 20 से अधिक गाड़ियां मलबे में दबीं
➤ मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट, अब तक 1523 करोड़ की संपत्ति को नुकसान

सोमवार देर रात बादल फटने की बड़ी घटना सामने आई, जिससे भारी तबाही हुई है। मंडी के जेल रोड क्षेत्र में बादल फटने से बाढ़ जैसे हालात बन गए, जहां एक नाले का पानी और मलबा रात 3 बजे कई घरों के भीतर घुस गया। इस आपदा में कईयों के मौत की सूचना हैै। दो लोगों के शव बरामद कर लिए हैं। सेना ने पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया है। अब तक कुछ लोग रेस्‍कयू किए जा चुके हैं।

Whatsapp Channel Join

3 1753755432

20 से अधिक वाहन मलबे में दब गए हैं। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन कई जगहों पर बंद हो गया है, विशेषकर 4 मील, 9 मील और दवाड़ा के पास। दवाड़ा क्षेत्र में तो फोरलेन पूरी तरह बह गया है। इसके अलावा, मंडी-जोगेंद्रनगर फोरलेन भी लवांडी ब्रिज के पास भूस्खलन के कारण बंद है। रात 11 बजे से भारी बारिश के कारण बहाली कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।

gifs5 1753753755

सुकेती खड्ड उफान पर है और उसका पानी भी कई घरों तक पहुंच गया है। मंडी के अलावा कांगड़ा और कुल्लू जिलों के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यहां फ्लैश फ्लड, लैंडस्लाइड और वाटर लॉगिंग की संभावनाएं जताई गई हैं।यह घटना हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हुई है।

4 1753755467

मौसम विभाग ने बताया कि 30 जुलाई से वेस्टर्न डिस्टरबेंस कमजोर होगा, लेकिन कई जिलों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। 30 जुलाई को ऊना, मंडी, कांगड़ा और कुल्लू में येलो अलर्ट, 31 जुलाई को चंबा और सिरमौर, और 1 अगस्त को सिरमौर के लिए भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

इस मानसून सीजन (20 जून से 28 जुलाई) में 1523 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। अब तक 164 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जिनमें 27 की मौत फ्लैश फ्लड, लैंडस्लाइड और बादल फटने से हुई है, जबकि 34 लोग अब भी लापता हैं।

शिमला में इस सीजन में सामान्य से 67% अधिक वर्षा दर्ज हुई है। मंडी में 63%, बिलासपुर में 23%, हमीरपुर में 32%, कुल्लू व सिरमौर में 30-30%, सोलन में 15% और ऊना में 21% अधिक वर्षा दर्ज की गई है।

जिले की दो सबसे अहम सड़कें — चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे (NH-3) और पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे (NH-154) — भारी भूस्खलन के कारण पूरी तरह बंद हो चुके हैं।

चंडीगढ़-मनाली हाईवे पर 4 मील, 9 मील, दवाड़ा, झलोगी सहित कई हिस्सों में पहाड़ दरकने से सड़कें मलबे में दब गई हैं और यातायात ठप हो गया है। इस रूट पर जगह-जगह वाहन फंसे हुए हैं और कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। वहीं, पठानकोट-मंडी मार्ग पर भी पधर से लेकर मंडी तक दर्जनों स्थानों पर भूस्खलन हुआ है, जिससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रुक गई है।

मंडी शहर के विक्टोरिया पुल के समीप भी भारी भूस्खलन हुआ है, जिससे शहर के भीतर आने-जाने का संपर्क मार्ग बाधित हो गया है। अभी भी लगातार बारिश हो रही है, जिससे राहत एवं बचाव कार्यों में भारी दिक्कतें पेश आ रही हैं।

प्रशासन की टीमें एनएचआई और लोक निर्माण विभाग के सहयोग से सड़कों की बहाली में जुटी हैं, लेकिन भारी बारिश और मलबा हटाने में आ रही बाधाओं के चलते काम सुस्त है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे आवश्यक होने पर ही यात्रा करें और पहाड़ी क्षेत्रों में जाने से बचें।

चंडीगढ़-मनाली और पठानकोट-मंडी मार्ग हिमाचल को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाले प्रमुख नेशनल हाईवे हैं, जिनके बंद होने से पर्यटन, व्यापार और आपात सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।