- एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने सोनीपत के साफियाबाद स्थित सर्वोटेक ग्रीन टेक प्लांट का दौरा किया।
- ‘मेक इन इंडिया’ थीम और भारत की हरित ऊर्जा नीति की जमकर सराहना की, इसे बताया ‘इनक्रेडिबल’।
- सर्वोटेक द्वारा विकसित सोलर उत्पादों और ईवी चार्जिंग सिस्टम को वैश्विक ऊर्जा समाधान में अहम बताया।
Errol Musk in India: दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक एलन मस्क के पिता एरोल मस्क इन दिनों भारत दौरे पर हैं और मंगलवार को उन्होंने हरियाणा के सोनीपत जिले के साफियाबाद गांव स्थित सर्वोटेक ग्रीन टेक प्लांट का दौरा किया। इस दौरे में उन्होंने भारत में हो रहे हरित ऊर्जा और तकनीकी नवाचार के कार्यों को देखकर न सिर्फ प्रसन्नता जताई बल्कि खुले मंच पर ‘मेक इन इंडिया’ पहल को ‘इनक्रेडिबल’ करार दिया।
प्लांट विजिट के दौरान एरोल मस्क ने सोलर इनवर्टर, रूफटॉप सोलर पैनल और ईवी चार्जिंग उत्पादों के निर्माण की प्रक्रिया को करीब से देखा। उन्होंने यह भी जाना कि ये तकनीकें किस प्रकार से घरों, दफ्तरों और स्कूलों जैसे विभिन्न संस्थानों में बिजली की आपूर्ति के लिए उपयोग की जा रही हैं। उन्होंने विशेष रूप से उन पैनल्स में रुचि दिखाई जो इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग के लिए बनाए जा रहे हैं।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए एरोल मस्क ने कहा कि भारत का हरित ऊर्जा की दिशा में बढ़ता फोकस न केवल देश को आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि यह भारत को वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में एक मज़बूत नेतृत्वकर्ता के तौर पर स्थापित कर रहा है। उन्होंने सर्वोटेक द्वारा ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर और सोलर समाधान में किए जा रहे इनोवेशन की भी सराहना की और कहा कि ये तकनीकें दुनिया भर के लिए भी प्रासंगिक हैं।
सर्वोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर रमन भाटिया ने एरोल मस्क की इस यात्रा को भारत के लिए प्रेरणादायक बताया और कहा कि उनका उद्देश्य भारत को ग्रीन टेक्नोलॉजी और ईवी निर्यात के क्षेत्र में ग्लोबल हब बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली नीतियां, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सौर ऊर्जा विस्तार, देश को नई दिशा दे रहे हैं।
रमन भाटिया ने यह भी कहा कि अगर इंदौर, जयपुर जैसे शहरों में लागू मॉडल को पूरे देश में अपनाया जाए, तो इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि विदेशी तेल पर निर्भरता भी घटेगी। एरोल मस्क जैसे विशेषज्ञों का समर्थन भारत को ग्रीन टेक्नोलॉजी में वैश्विक स्तर पर पहुंचाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।