➤ कोरोना काल से सैलरी न मिलने पर ग्रीवेंस मीटिंग में युवक फूट-फूटकर रोया
➤ पब्लिक हेल्थ विभाग में 15 साल से डीसी रेट पर काम करने वाले को मृत घोषित कर हटा दिया गया था
➤ डीसी रोहतक ने माना गलती, जल्द समाधान के आदेश
रोहतक में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक के दौरान एक बेहद अजीब और भावुक कर देने वाला मामला सामने आया। बैठक में एक युवक विजय कुमार अपनी शिकायत लेकर पहुँचा और बोलते-बोलते इतना भावुक हो गया कि फूट-फूटकर रोने लगा। विजय का आरोप है कि वह पिछले 15 साल से पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट में डीसी रेट पर काम कर रहा है, लेकिन कोरोना काल से उसे एक भी सैलरी नहीं मिली।
विजय ने बताया कि उसकी समस्या की शुरुआत तब हुई जब कुछ अधिकारियों ने उसे मृत घोषित कर उसका नाम कौशल रोजगार योजना से हटा दिया। इसके बाद उसने अधिकारियों से गुहार लगाई और 6-7 महीने की मशक्कत के बाद एडीसी से जीवित प्रमाण पत्र हासिल किया। लेकिन तब तक उसका वेतन रुका हुआ था और कोई समाधान नहीं निकला।
विजय ने कहा कि इस दौरान वह अपने परिवार का पेट मंदिरों और गुरुद्वारों से खाना लाकर भरता रहा। लगातार अधिकारियों के चक्कर लगाने और शिकायत करने के बावजूद उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिला उपायुक्त धर्मेंद्र ने माना कि कर्मचारियों और अधिकारियों की गलती से विजय को मृत दिखाया गया था, जिसके कारण वह योजना से वंचित रह गया। उन्होंने बताया कि अब उसके प्रमाण पत्र सही कर दिए गए हैं और संबंधित विभाग को निर्देश दिया गया है कि उसकी समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाए।

