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हरियाणा की पूर्व IAS अधिकारी को झटका, परिजनों की खरीदी 14 एकड़ जमीन का म्यूटेशन कैंसिल

हरियाणा की बड़ी खबर

पूर्व IAS रेणु फुलिया के परिजनों की खरीदी जमीन का म्यूटेशन कैंसिल
➤ फैसले में कहा- व्यक्तिगत रुचि लेकर किया गया सौदा
चीफ सेक्रेटरी को रिपोर्ट भेज आगे कार्रवाई के आदेश


हरियाणा की पूर्व IAS अधिकारी रेणु फुलिया और उनके परिवार को अंबाला मंडल कमिश्नर की कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने बीड़ फिरोजड़ी (पंचकूला) में खरीदी गई 14 एकड़ जमीन का म्यूटेशन कैंसिल कर दिया है। इनमें से 5 एकड़ जमीन रेणु फुलिया के पति और बेटे के नाम दर्ज हुई थी।

मामला दरअसल राजा भगवंत सिंह के उत्तराधिकारियों से जुड़ी जमीन का है, जिस पर करीब 21 साल से स्टे ऑर्डर था। रेणु फुलिया ने सितंबर 2023 में अंबाला मंडल कमिश्नर रहते हुए यह स्टे हटाया। इसके कुछ ही महीनों बाद, फुलिया परिवार ने उसी जमीन का सौदा कर लिया।

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अब मौजूदा मंडल कमिश्नर संजय वर्मा की कोर्ट ने साफ लिखा कि तत्कालीन अधिकारी ने इस मामले में व्यक्तिगत हित दिखाया। फैसले में कहा गया कि 20 जून 2023 को ही याचिकाकर्ताओं से जमीन खरीदने का समझौता हो चुका था, जबकि वर्तमान रिट अगस्त 2023 में दायर हुई थी। कोर्ट ने इसे बुरी नीयत करार दिया।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 13 सितंबर 2023 का आदेश किसी कानूनी आधार पर नहीं था, इसलिए इसे वापस लिया जाता है। साथ ही म्यूटेशन नंबर 148 को रद्द करने और सभी एंट्री को सुधारने का निर्देश दिया गया। आदेश की कॉपी चीफ सेक्रेटरी को भी भेजी गई है ताकि आगे कार्रवाई हो सके।

फैसले की खास टिप्पणियां

  1. रिवीजन पिटीशन पर सुनवाई गलत – 20 साल बाद दाखिल पिटीशन पर कोई वैध कारण नहीं था।
  2. व्यक्तिगत रुचि साबित – अधिकारी रहते हुए ही जमीन खरीदने का समझौता कर लिया गया।
  3. म्यूटेशन प्रक्रिया संदिग्ध – 20 साल पुराने गिफ्ट डीड के आधार पर म्यूटेशन कराया गया।
  4. दूसरे पक्ष को सुने बिना फैसला – नियमों के खिलाफ एकतरफा आदेश दिए गए।

यह पूरा मामला हरियाणा के प्रशासनिक गलियारों में बड़ा विवाद बन सकता है, क्योंकि कोर्ट ने आदेश में पूर्व IAS पर सीधे तौर पर हित साधने का आरोप लगाया है।