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दूसरी शादी करना चाहता था सुभाष, विरोध कर रहे बच्चों को मार डाला; मौत का ड्रामा भी रचा, 35 लाख बीमा की बात आई सामने

हरियाणा की बड़ी खबर

• पत्नी की मौत के बाद दूसरी शादी करना चाहता था आरोपी सुभाष, बच्चे कर रहे थे विरोध
• नींद की गोलियां मिलाकर दोनों बच्चों की हत्या की, खुद जहर खाने का नाटक किया
• परिवार के मुताबिक सुभाष ने हाल ही में 35 लाख का बीमा कराया था, पुलिस जांच में जुटी


Bhiwani Murder Case: हरियाणा के भिवानी जिले के धनाना गांव में एक पिता ने अपने ही बेटे और बेटी की हत्या कर दी। अब इस हृदयविदारक वारदात में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस पूछताछ में आरोपी सुभाष ने बताया कि वह अपनी पत्नी सरोज की मौत के बाद दूसरी शादी करना चाहता था, लेकिन उसके बच्चे बसंत (17) और आरुषि (16) इसके सख्त खिलाफ थे।

बच्चों के विरोध ने सुभाष को इस कदर बौखला दिया कि उसने दोनों को नींद की गोलियां देकर मौत के घाट उतार दिया। बाद में वह खुद को निर्दोष दिखाने के लिए जहर खाने का ड्रामा करता रहा।

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मुंढाल पुलिस चौकी इंचार्ज अनिल कुमार के अनुसार, सुभाष की पत्नी सरोज की 8 मई 2025 को मौत हो गई थी। इसके कुछ ही समय बाद उसने दूसरी शादी का इरादा बना लिया था और इस बारे में अपने बच्चों से बात भी की थी।

बसंत और आरुषि ने पिता की बात को सिरे से नकार दिया था। उनका कहना था कि वे अब बड़े हो गए हैं और उन्हें किसी अनजान महिला को अपनी मां के रूप में स्वीकार करना मंजूर नहीं। मां सरोज की यादों से वे उबर नहीं पाए थे।

सुभाष ने बताया कि वह बच्चों की बातों से बेहद परेशान हो गया था। 8 जून को उसने दोनों बच्चों को मैंगो शेक में नींद की गोलियां मिलाकर पिलाईं और फिर ब्रेक की तार से उनका गला घोंटकर हत्या कर दी।

हत्या के बाद सुभाष ने फांसी लगाने का भी प्रयास किया लेकिन पड़ोसी की भाभी ने उसे देख लिया और शोर मचा दिया। इसके बाद उसने दावा किया कि उसने जहर की गोलियां खा ली हैं। हालांकि, जांच में सामने आया कि उसने कुछ नहीं खाया था। यह सब महज दिखावा था।


पढ़ें क्‍या कह रहे पिता आजाद सिंह और मां मेवा देवी

सुभाष के माता-पिता ने बताया कि सुभाष शुरू से ही झगड़ालू और कामचोर था। वह ना खुद काम करता था और ना किसी को करने देता था। मां-पिता को भी आए दिन पीटता रहता था। बहू सरोज की मौत के बाद बच्चों के साथ भी उसकी झड़पें बढ़ गई थीं। बहू सरोज की मौत BP लो होने से हुई थी, जहर देने का आरोप बेबुनियाद है। आजाद सिंह बताते हैं कि उनके घर का माहौल ऐसा हो गया था कि वे रसोई से रोटी तक नहीं निकाल सकते थे। बेटे सुभाष की हरकतों से वे दोनों बूढ़े परेशान होकर रिश्तेदारों में रहने चले जाते थे।

• 35 लाख के बीमा की बात

परिवार की ओर से यह भी जानकारी दी गई है कि सुभाष ने कुछ दिन पहले ही 35 लाख रुपए का बीमा कराया था। हालांकि, पुलिस ने अभी इस पर कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन जांच की जा रही है कि क्या बीमा राशि को लेकर हत्या की गई।

• अब पूरा परिवार बिखर गया

आजाद सिंह ने दुख जताते हुए कहा, “पहले बहू गई, फिर पोता-पोती और अब बेटा जेल में है। हम बूढ़े बचे हैं, और वो भी तन्हा।”