➤ गुरुग्राम शराब कारोबारी हत्याकांड: 13 दोषियों को उम्रकैद
➤ 9 साल पहले हुई थी मनीष की हत्या, दोस्त भी हुआ था घायल
➤ अदालत ने सुनाया फैसला, दोषियों पर लगा जुर्माना भी
गुरुग्राम में 9 साल पहले शराब कारोबारी मनीष की अंधाधुंध गोली चलाकर हत्या करने के मामले में अदालत ने 13 लोगों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। मनीष की हत्या 18 अक्टूबर 2016 को उस समय की गई थी, जब वह ठेके पर कैश लेने गया था। इस फायरिंग में उसका दोस्त गंभीर रूप से घायल हो गया था। पुलिस को दी शिकायत में मनीष के पिता ने बताया था कि उनका बेटा शराब के ठेके का व्यापार करता था। वह कॉलोनी मोड़ ठेके पर अपने साथियों के साथ कैश लेने गया था। जब वह ठेके के पास जाकर कैश लेने के लिए गाड़ी रोकी, तो 8-10 जवान लड़के आए और अंधाधुंध गोलियां चलाने लगे। इस गोलीबारी में मनीष की गोली लगने से मौत हो गई और उसके दोस्त गोली लगने से घायल हो गए।
इस संबंध में सिटी थाने में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस ने रोहतक जिले के बहु अकबरपुर निवासी राहुल पंडित, सचिन उर्फ बिल्लू और सोमबीर उर्फ छतरी उर्फ नन्हा तथा रोहतक जिले के ही कंसाला निवासी दीपक, मोनू और मोखरा निवासी दिनेश के साथ ही झज्जर के डीघल निवासी पवन कुमार, दिल्ली के मेहरम नगर निवासी रवि कुमार, गुरुग्राम जिले के गाडौली खुर्द निवासी रविकांत उर्फ विक्की, ब्रह्मप्रकाश और कुलदीप, गुरुग्राम के सेक्टर 5 निवासी जयबीर तथा रत्न गार्डन निवासी लव शर्मा को नामजद किया था।
एडिशनल सेशन जज सुनील चौहान की अदालत ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को दोषी ठहराया। कोर्ट ने राहुल, सचिन, जयबीर, लव शर्मा, रवि कुमार, रविकांत, सोमबीर, दीपक और मोनू को धारा 302 आईपीसी के तहत उम्रकैद (कठोर कारावास) और 50 हजार रुपये जुर्माना, धारा 307 आईपीसी के तहत 10 वर्ष कठोर कारावास और 25 हजार रुपये का जुर्माना एवं धारा 148/149 आईपीसी के तहत 3 साल की सजा सुनाई। इसी तरह दिनेश, कुलदीप, पवन को धारा 302 आईपीसी के तहत उम्रकैद (कठोर कारावास) और 50 हजार रुपये जुर्माना, धारा 307 आईपीसी के तहत 10 वर्ष कठोर कारावास और 25 हजार रुपये का जुर्माना, धारा 148/149 आईपीसी के तहत 3 साल की सजा एवं शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1) के तहत 3 साल की सजा तथा 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। वहीं, ब्रह्मप्रकाश को धारा 302 आईपीसी के तहत उम्रकैद (कठोर कारावास) और 50 हजार रुपये जुर्माना तथा धारा 307 आईपीसी के तहत 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।