● 16 जिलों में यलो अलर्ट, 9 अप्रैल को मौसम में हल्का बदलाव संभव
● गर्म हवाओं के कारण फसलें और स्वास्थ्य दोनों पर खतरा बढ़ा
Haryana temperature: हरियाणा में अप्रैल महीने की शुरुआत में ही गर्मी ने मई-जून जैसी स्थिति बना दी है। प्रदेश के कई जिलों में पारा सामान्य से चार डिग्री तक अधिक दर्ज किया गया है, जिससे रोहतक और नारनौल में तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया है। यह स्थिति 2019 के बाद पहली बार सामने आई है, जब अप्रैल के पहले सप्ताह में ही तापमान इतना अधिक हो गया हो। मौसम विभाग ने 7 अप्रैल को 16 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है, जिनमें हिसार, भिवानी, रोहतक, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह, सिरसा, फतेहाबाद, जींद, पानीपत और सोनीपत शामिल हैं। इन क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक लू चलने की स्थिति बन सकती है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 7 से 9 अप्रैल के बीच पूरे प्रदेश में तापमान 40 डिग्री से ऊपर रहेगा। यदि यह सामान्य से 5 डिग्री अधिक हो गया, तो प्रदेश में आधिकारिक रूप से हीट वेव की घोषणा की जा सकती है। वहीं पंचकूला, यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल और करनाल जैसे जिले अभी भी ग्रीन जोन में हैं, जहां तापमान सामान्य के आसपास बना रहेगा।
पंजाब और चंडीगढ़ में भी 10 अप्रैल तक लू चलने की चेतावनी दी गई है, जबकि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मंडी जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया है। ऊना में तापमान 36 डिग्री तक पहुंच चुका है, जो पर्वतीय क्षेत्रों के लिए चिंताजनक है।
गर्मी के इस असमय प्रकोप के पीछे मौसम विशेषज्ञों ने दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के क्षेत्र में साफ और शुष्क वातावरण को जिम्मेदार ठहराया है। थार मरुस्थल से चल रही गर्म और सूखी हवाएं नमी को सोख ले रही हैं, जिससे गर्मी की तीव्रता और बढ़ रही है। इसके अलावा धूप भी काफी तीव्र हो गई है, जिससे लू जैसे हालात बन गए हैं।
आगामी दो दिनों में हरियाणा के दक्षिणी और पश्चिमी जिलों में लू के हालात और बिगड़ सकते हैं, लेकिन 9 अप्रैल को एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिससे मौसम में हल्का बदलाव हो सकता है। हालांकि यह विक्षोभ कमजोर होगा, लेकिन इससे कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
मौसम विभाग और कृषि विशेषज्ञों ने गर्मी से निपटने और फसलों को बचाने के लिए सुझाव जारी किए हैं। लोगों को दिन के समय कम से कम बाहर निकलने की सलाह दी गई है और सिर को ढककर बाहर जाने की हिदायत दी गई है। पानी और ORS का पर्याप्त सेवन लू से बचाव में सहायक होगा। किसानों को सलाह दी गई है कि समय से पहले पक रही गेहूं की फसल को हल्की सिंचाई दें और खेतों में बचे अवशेष को जलाने की बजाय कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए प्रयोग करें। इसके अलावा बिजली के तारों के नीचे की फसल को पहले काट लें, ताकि आग लगने का खतरा न रहे।