- हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार, सोशल मीडिया के जरिये संवेदनशील जानकारी भेजने का आरोप
- हरियाणा और पंजाब से पिछले एक हफ्ते में 6 और संदिग्ध पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार, सभी के सोशल मीडिया या एजेंट्स से गहरे संपर्क
- ज्योति के पाकिस्तानी एजेंटों से संबंध 2023 से, ISI अधिकारियों से संपर्क और विदेश यात्राओं का खुलासा
Jyoti Malhotra Pakistan espionage: हरियाणा की चर्चित यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। हिसार पुलिस ने उसे 15 मई को उसके घर से हिरासत में लिया और शनिवार को कोर्ट में पेश कर 5 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया। केंद्रीय एजेंसियां और हिसार पुलिस की संयुक्त जांच में यह सामने आया कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के संपर्क में थी और सोशल मीडिया के जरिये भारत की गोपनीय जानकारी साझा कर रही थी।

ज्योति पाकिस्तान तीन बार यात्रा कर चुकी है, जिसमें दो बार वह सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ और एक बार करतारपुर साहिब कॉरिडोर से गई। उसने 10 सितंबर 2022 को अपने यूट्यूब चैनल पर करतारपुर यात्रा का वीडियो भी डाला था। 33 वर्षीय ज्योति हिसार की न्यू अग्रसेन कॉलोनी की रहने वाली है और BA तक पढ़ी हुई है। सोशल मीडिया पर 3 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स वाली ज्योति पहले गुरुग्राम की एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थी, लेकिन कोविड के बाद नौकरी छूटने पर ट्रैवल ब्लॉगर बन गई।

पुलिस जांच में सामने आया है कि ज्योति ने 2023 में पाकिस्तान यात्रा के दौरान वहां के हाई कमीशन में कार्यरत एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से संपर्क बनाया। दानिश ने उसकी मुलाकात पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों अली अहसान और शाकिर उर्फ राणा शहबाज से कराई। वह व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नेपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स पर इनसे बातचीत करती थी। उसे न केवल पाकिस्तान की सकारात्मक छवि दिखाने का जिम्मा मिला था, बल्कि वह संवेदनशील जानकारियां भी साझा कर रही थी। उसने हाल ही में एक पाकिस्तानी अधिकारी के साथ इंडोनेशिया के बाली द्वीप की यात्रा भी की थी।

इसके अलावा हरियाणा और पंजाब से हाल ही में 6 अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है:
- अरमान (नूंह): पाक एजेंटों को भारतीय सिम कार्ड और डिफेंस एक्सपो की जानकारी भेजने के आरोप में पकड़ा गया।
- नोमान इलाही (पानीपत): ISI एजेंट ‘काना’ के लिए वीडियो बनाकर भेजता था, पासपोर्ट बनाने का भी काम करता था।
- देविंदर सिंह (कैथल): हनीट्रैप में फंसा, ISI से ट्रेनिंग ली और सेना की जानकारी साझा की।
- गजाला और यामीन मोहम्मद (मालेरकोटला): पाक एंबेसी के अधिकारी से संपर्क, UPI के जरिए पैसा लिया और संवेदनशील जानकारियां भेजीं।
- मुर्तजा अली (जालंधर): पाक को न्यूज डेटा भेजने के लिए ऐप बनाकर करोड़ों की कमाई की।
ज्योति का पासपोर्ट 2018 में बना था और 2028 तक वैध है, उसके और उसके पिता के खिलाफ पहले कोई मामला दर्ज नहीं था। अब यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और इसमें लगातार जांच जारी है।