➤ लेह-लद्दाख में हरियाणा का जवान संजय सिंह सैनी हुए शहीद, पार्थिव देह गांव पहुंची
➤ शहीद का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किया जाएगा, परिवार में ग़म का माहौल
➤ तूफान में सिर में खून जमने से हुई मौत, दो बेटे और मां को छोड़ गया वीर
Kaithal soldier martyr Ladakh: हरियाणा के कैथल जिले के कवारतन गांव के रहने वाले सेना के जवान संजय सिंह सैनी (39) लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। वह भारतीय सेना की 10 सिख रेजिमेंट में तैनात थे। बीते दिनों जब लद्दाख में तूफान आया, तो वहां अत्यधिक ठंड के कारण उनके सिर में खून जम गया, जिससे शरीर में रक्त प्रवाह रुक गया और वह वीरगति को प्राप्त हो गए।

शहीद की पार्थिव देह बुधवार को हेलिकॉप्टर के माध्यम से चंडीगढ़ पहुंची और वहां से उनके गांव लाकर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की तैयारी की गई है। जब पार्थिव शरीर कैथल पहुंचा, तो वहां से कवारतन गांव तक एक सम्मान यात्रा निकाली गई, जिसमें गांव और आसपास के क्षेत्र के लोग उमड़ पड़े।
संजय सिंह 2004 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और उन्होंने 2005 में ट्रेनिंग के बाद सेवाएं शुरू की थीं। वह बीते 20 वर्षों से राष्ट्र की सेवा कर रहे थे। परिवार उन्हें रिटायरमेंट लेने की सलाह दे रहा था, लेकिन वे हमेशा कहते थे कि “मेरे दो साल और बाकी हैं, मुझे देश की सेवा करनी है।”

संजय के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे (14 और 11 वर्ष के), बुजुर्ग मां और बड़ा भाई हैं। तीन महीने पहले ही उनके पिता का देहांत हुआ था और उस समय वे छुट्टी लेकर घर आए थे। उनके चाचा शमशेर सिंह ने बताया कि हाल ही में हुई बातचीत में संजय ने कहा था कि ‘यहां सब ठीक है।’
गांव के सरपंच को सेना के उच्च अधिकारियों का फोन आया, तब जाकर परिवार को संजय की शहादत की सूचना मिली। उनकी मौत से पूरे गांव में शोक की लहर है और लोगों की आंखें नम हैं, लेकिन साथ ही संजय की शहादत पर गर्व भी है कि गांव का बेटा देश के लिए कुर्बान हुआ।