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बरवाला में दर्दनाक हादसा: एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत

हरियाणा की बड़ी खबर

➤ दवा दिलाकर लौट रहे परिवार की कार बरवाला बाईपास पर ट्रक से टकराई
➤ हादसे में 75 वर्षीय बुजुर्ग, उनकी पत्नी, भतीजा और गांव का युवक मारे गए
➤ संदीप ही था घर का इकलौता कमाने वाला, पीछे बच गए दो बच्चे और पत्नी


Hisar accident 2025; हरियाणा के हिसार जिले में सोमवार को हुआ एक दर्दनाक सड़क हादसा पूरे गांव में मातम छोड़ गया। जींद जिले के सुरजाखेड़ा गांव से हिसार दवाई लेने आए एक ही परिवार के चार लोग कार दुर्घटना में जान गंवा बैठे। हादसा उस वक्त हुआ जब बरवाला बाईपास पर उनकी कार का अचानक टायर फट गया और गाड़ी बेकाबू होकर सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई

टक्कर इतनी भयानक थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और सभी सवारों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान महावीर सिंह (75), उनकी पत्नी रोशनी देवी (70), भतीजा संदीप उर्फ मीकू (40) और गांव के ही सुनील कुमार (40) के रूप में हुई है।

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हादसे की पूरी तस्दीक: परिवार को निगल गया ट्रक

जानकारी के मुताबिक, महावीर सिंह की तबीयत खराब थी, दवा दिलाने के लिए उनका भतीजा संदीप उन्हें हिसार के आधार अस्पताल लेकर आया था। साथ में पत्नी रोशनी और गांव का युवक सुनील भी थे। वापसी के रास्ते में जैसे ही गाड़ी बरवाला बाईपास पर पहुंची, अचानक टायर फट गया और कार सड़क के दूसरी तरफ पहुंचकर ट्रक से भिड़ गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसा इतना भयंकर था कि कार ट्रक के नीचे जा फंसी। चारों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर भीड़ जमा हो गई, सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची। क्रेन की मदद से कार को ट्रक के नीचे से बाहर निकाला गया, तब जाकर शवों को बाहर निकाला जा सका।

संदीप के सिर से पहले मां-बाप, अब ताऊ-ताई का साया भी उठ गया

परिजनों ने बताया कि संदीप रोडवेज में कंडक्टर था। उसके माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी। तब से उसके ताऊ-ताई ने ही उसे पाला था। वह भी उन्हें अपने माता-पिता की तरह मानता था। महावीर और रोशनी के कोई संतान नहीं थी, इसलिए संदीप ही उनका इकलौता सहारा था।

अब एक ही हादसे में ताऊ-ताई और संदीप की मौत हो गई। पीछे रह गई है सिर्फ संदीप की पत्नी और उसके दो बेटे—एक कोटा में पढ़ता है और दूसरा हिसार में।

गांव में पसरा मातम, हर आंख नम

हादसे की खबर जैसे ही गांव सुरजाखेड़ा पहुंची, पूरे गांव में मातम छा गया। यह गांव कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला का भी पैतृक गांव है। ग्रामीणों ने बताया कि यह परिवार गांव में अत्यंत सरल और सहयोगी स्वभाव के लिए जाना जाता था।