➤ फरीदाबाद में अल्ट्रासाउंड केंद्रों का बड़ा ऐलान, गर्भवती महिलाओं की जांच बंद
➤ स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी के बाद आईएमए ने जताया विरोध
➤ आईएमए की मांग, सील की गई अल्ट्रासाउंड मशीन तुरंत खोली जाए
सुधीर बैंसला
फरीदाबाद में अल्ट्रासाउंड केंद्रों ने एक बड़ा ऐलान किया है। भारतीय चिकित्सा संघ (आई एम ए) ने विरोध में निर्णय लिया है कि वे गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड नहीं करेंगे। यह फैसला स्वास्थ्य विभाग द्वारा बल्लभगढ़ के संजीवनी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर हुई कथित छापेमारी के बाद लिया गया है। आई एम ए के मुताबिक, 2 अगस्त को हुई इस छापेमारी में आठ घंटे की जांच के बाद भी डॉक्टर की कोई संलिप्तता नहीं पाई गई, लेकिन उसके बावजूद अल्ट्रासाउंड मशीन को सील कर दिया गया।
आई एम ए, रेडियोलॉजिस्ट एसोसिएशन और फागिस एसोसिएशन के सभी सदस्य इस बात से रोष में हैं। उनका कहना है कि यह सारा काम एक ऐसे गैंग के तीन सदस्यों द्वारा किया गया था, जिनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गैंग लोगों से पैसे ऐंठने का काम करता है। रविवार को एक होटल में आई एम ए ने एक बैठक की थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया।
आई एम ए के प्रधान डॉ. राजीव गुंबर ने बताया कि उनकी मुख्य मांग है कि सील की गई अल्ट्रासाउंड मशीन को तुरंत खोला जाए और डॉक्टर को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित न किया जाए। इस विरोध के चलते सोमवार को आई एम ए की ओर से सिविल सर्जन और डीसी को ज्ञापन भी सौंपा गया। प्रधान ने गर्भवती महिलाओं को होने वाली असुविधा के लिए खेद जताते हुए कहा कि वे अपना अल्ट्रासाउंड सरकारी अस्पताल में जाकर करवा सकती हैं। इस विरोध प्रदर्शन में रेडियोलोजिस्ट एसोसिएशन के प्रधान डॉ. दीपक गुप्ता और फागसी की प्रधान डॉ. किरण चांदना भी शामिल थीं।