➤ कपिल सिब्बल ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लापता होने पर चिंता जताई
➤ अमित शाह से इस मामले पर बयान देने की मांग की गई
➤ विपक्ष ने इस्तीफे के पीछे राजनीतिक दबाव की आशंका जताई
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने शनिवार को पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक लापता होने पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस्तीफे के बाद से उनकी कोई जानकारी नहीं है, और यह पहली बार है जब देश में “लापता” उपराष्ट्रपति के बारे में सुनने को मिल रहा है। सिब्बल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इस पर बयान देने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर सरकार स्पष्ट नहीं करती, तो विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करनी पड़ेगी।
सिब्बल ने खुलासा किया कि उन्होंने धनखड़ को फोन करने की कोशिश की, लेकिन उनके पीए ने बताया कि वे आराम कर रहे हैं। इसके बाद न तो उन्होंने कॉल उठाई, और न ही किसी अन्य नेता को उनसे संपर्क हो पाया। कई नेताओं ने यही शिकायत की है।
उधर, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने 7 अगस्त को धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे पर चर्चा की मांग खारिज कर दी। IUML सांसद अब्दुल वहाब ने नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की थी, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया।
धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दिया, जिसकी जानकारी 22 जुलाई को दी गई। 74 वर्षीय धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था। विपक्ष का कहना है कि उनकी तबीयत ठीक थी और उन्होंने हमेशा RSS और BJP का बचाव किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सवाल उठाया कि आखिर इस्तीफे की असली वजह क्या है। जयराम रमेश ने दावा किया कि 21 जुलाई को दोपहर में बैठक में सब कुछ सामान्य था, लेकिन शाम 4:30 बजे जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू बैठक में नहीं आए और धनखड़ को इसकी सूचना भी नहीं दी गई, जिससे उन्हें ठेस पहुंची।
धनखड़ देश के पहले उपराष्ट्रपति रहे जिनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव आया, हालांकि तकनीकी कारणों से वह खारिज हो गया। विपक्ष लंबे समय से उन पर पक्षपात और विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाता रहा है।