➤ गोरखपुर से पानीपत तक बनेगा 750 किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
➤ 22 जिलों को जोड़ेगा यह हाईवे, बढ़ेगी कारोबार और पर्यटन की रफ्तार
➤ तीन साल में पूरा होगा निर्माण, NHAI ने दिल्ली की फर्म को दिया जिम्मा
देश में सड़क कनेक्टिविटी को मजबूत करने के अभियान के तहत केंद्र सरकार एक और बड़ी परियोजना को धरातल पर लाने जा रही है। गोरखपुर से लेकर हरियाणा के पानीपत तक करीब 750 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे तैयार किया जाएगा, जो उत्तर प्रदेश और हरियाणा के 22 जिलों को आपस में जोड़ देगा। इस हाईवे के जरिए न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि कारोबार, व्यापार, और पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस प्रोजेक्ट की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) और सीमांकन के लिए दिल्ली की एक ICT फर्म को नियुक्त किया है। यह फर्म परियोजना की योजना, बजट आकलन, और जमीन अधिग्रहण से लेकर निर्माण कार्य के लिए ठेकेदारों के चयन तक की प्रक्रिया को संभालेगी।
इस एक्सप्रेसवे का निर्माण गोरखपुर से शुरू होकर शामली होते हुए पानीपत तक पहुंचेगा। जिन जिलों को यह हाईवे सीधे जोड़ेगा उनमें शामिल हैं – गोरखपुर, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली और अंत में हरियाणा का पानीपत।
पहले यह परियोजना गोरखपुर से शामली तक सीमित थी, लेकिन अब इसे हरियाणा के औद्योगिक केंद्र पानीपत तक विस्तारित कर दिया गया है। इसका सीधा लाभ पानीपत के कपड़ा उद्योग को मिलेगा जो अब यूपी के कई पिछड़े जिलों से सीधे जुड़ जाएगा। साथ ही, गोरखपुर से हरिद्वार की यात्रा महज 8 घंटे में पूरी की जा सकेगी, जो इस मार्ग की तेजी और सुविधा को दर्शाता है।
एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि निर्माण कार्य तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। डीपीआर तैयार होते ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी और निर्माण एजेंसियों का चयन कर लिया जाएगा।
यह प्रोजेक्ट ना केवल उत्तर भारत की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देगा, बल्कि क्षेत्रीय रोजगार, पर्यटन, कृषि व उद्योग क्षेत्रों में नवीन अवसर भी पैदा करेगा।