➤ जमीनी विवाद में हिरासत के बाद युवक ने लगाए थर्ड डिग्री टॉर्चर के आरोप
➤ SHO समालखा, हेड कांस्टेबल व SI पर गंभीर आरोप, कहा – पुलिस ने ही मेरी फसल नष्ट करवाई
➤ युवक का दावा – “मेरे पांव की हड्डी पुलिसवालों ने तोड़ी, जबरन दस्तखत करवाने का था दबाव”
पानीपत जिले के समालखा थाना पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है। गांव बुडशाम निवासी नरेंद्र नामक युवक ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसे जमीनी विवाद में जबरन हिरासत में लेकर थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया। उसकी मानें तो थाने में SHO दीपक, हेड कॉन्स्टेबल अमित, SI बंसीलाल सहित कई पुलिसकर्मियों ने एक कमरे में बंद कर पैर की हड्डी तोड़ दी और जबरन कब्जा छोड़ने के कागज़ों पर दस्तखत कराने का दबाव बनाया।
मामला 30 जून की सुबह का है जब नरेंद्र अपने खेत में धान की बिजाई करवा रहा था। तभी एक ट्रैक्टर और 7-8 गाड़ियों में करीब 50 लोग मौके पर पहुंचे, जिनमें गुरुदेव और राजेश जैसे लोग भी शामिल थे। आरोप है कि इन लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में जबरदस्ती नरेंद्र की जमीन पर ट्रैक्टर चला दिया और फसल नष्ट कर दी। जब नरेंद्र ने विरोध किया तो उसके साथ हाथापाई हुई।
नरेंद्र ने खुद भी डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को बुलाया, लेकिन जो पुलिस आई वो गुरुदेव के बुलावे पर आई थी, ऐसा नरेंद्र का आरोप है। इसी दौरान मौके पर SHO समालखा की गाड़ी भी पहुंची जिसमें कई महिला और पुरुष पुलिसकर्मी थे। पुलिस ने नरेंद्र को जबरन गाड़ी में डालकर थाने ले जाया, जहां कागजातों पर साइन करने का दबाव बनाया गया। नरेंद्र के मुताबिक जब उसने मना किया तो SHO दीपक ने उसे दबोचकर बुरी तरह पीटा।
युवक का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने सिर, आंख और पैरों पर डंडों से प्रहार किए, जिससे उसका एक पैर फ्रैक्चर हो गया। इतना ही नहीं, बाद में उसी पर और उसकी पत्नी पर 107/151 की कार्रवाई कर दी गई, जबकि दूसरे पक्ष के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं हुआ।
अब नरेंद्र ने 1 जुलाई को जमानत लेकर 2 जुलाई को पानीपत एसपी से शिकायत की है और मेडिकल रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है। मामले की जांच समालखा DSP को सौंपी गई है। दूसरी ओर SHO दीपक ने आरोपों को निराधार बताया और कहा कि शिकायतकर्ता खुद आपराधिक प्रवृत्ति का है, जिसने अपने पिता की हत्या की थी और कई केस उसके खिलाफ दर्ज हैं।