➤ सोनीपत में 8 एकड़ जमीन के फर्जी इंतकाल का खुलासा
➤ कानूनगो यशपाल पटवारी-तहसीलदार के फर्जी दस्तखत कर तैयार करता रहा जाली दस्तावेज
➤ DC सुशील सारवान ने नियम-7 के तहत चार्जशीट और सुनवाई के बाद बर्खास्त किया
हरियाणा के सोनीपत जिले में राजस्व विभाग से जुड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां मुरथल गांव की 8 एकड़ जमीन के फर्जी इंतकाल में एक के बाद एक कई स्तरों पर गंभीर गड़बड़ियां उजागर हुई हैं। इस मामले में दोषी पाए जाने पर कानूनगो यशपाल को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। कार्रवाई जिला उपायुक्त सुशील सारवान ने हरियाणा सरकारी सेवा नियम-7 के तहत की है, जिसमें चार्जशीट और व्यक्तिगत सुनवाई के बाद निष्कर्ष निकाला गया।
फर्जीवाड़े का मामला तब सामने आया जब 12 अगस्त 2022 को तत्कालीन कानूनगो रणबीर सिंह और पटवारी प्रमोद कुमार ने फर्जी इंतकाल की शिकायत जिला राजस्व अधिकारी और तहसीलदार को दी। जांच में साफ हुआ कि इंतकाल नंबर 15638 को यशपाल ने खुद तैयार किया, जिसमें पटवारी, गिरदावर और तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर कर दिए गए और फिर यह दस्तावेज रिकॉर्ड से गायब कर दिया गया।
जांच की जिम्मेदारी अतिरिक्त उपायुक्त (ADC) को सौंपी गई। इस दौरान 13 फरवरी 2024 को कई पटवारियों और कानूनगों के बयान दर्ज किए गए जिन्होंने खुद को इस घोटाले से अनभिज्ञ बताया। जांच की अहम कड़ी बना मुरथल निवासी गिरधारी, जिसने बताया कि उसने जमीन की डिक्री इंतकाल करवाने के लिए यशपाल को दी थी, फीस बाद में देने की बात तय हुई थी। लेकिन जब उसका बेटा मुआवजा लेने गया, तो अफसरों ने दस्तावेज को फर्जी करार दिया।
28 फरवरी 2023 को आरोपी यशपाल जांच में शामिल हुआ और गलती से इंतकाल दर्ज करने की दलील दी, लेकिन उसकी सफाई जांच टीम को संतोषजनक नहीं लगी। सदर कानूनगो देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट में यशपाल को मैन्युअल रजिस्टर तैयार करने, उसमें फर्जी दस्तावेज चिपकाने, गलत इंद्राज और अफसरों के जाली हस्ताक्षर करने का दोषी पाया गया।
इसके बाद चार्जशीट जारी कर यशपाल को जवाब देने का मौका दिया गया, पर संतोषजनक जवाब न मिलने पर उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। डीसी कार्यालय की ओर से यह आदेश सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को भेजा गया है। प्रशासन का यह निर्णय राजस्व विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में सख्त संदेश माना जा रहा है।