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हरियाणा के इस शहर के नौजवान दो -दो पत्‍नियां रखने में सबसे आगे, कुछ की तो तीन भी

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हरियाणा में बहुविवाह का चौंकाने वाला खुलासा

PPP डेटा से सामने आया सच: 2779 लोगों की 2 या अधिक पत्नियाँ

नूंह जिले में सबसे अधिक मामले

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चंडीगढ़, हरियाणा: हरियाणा में परिवार पहचान पत्र (PPP) के डेटा से एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राज्य में 2779 लोग ऐसे हैं जिनकी एक ही परिवार में दो या दो से ज़्यादा पत्नियाँ हैं। इस डेटा के अनुसार, इनमें से 2761 व्यक्तियों की दो पत्नियाँ, 15 की तीन पत्नियाँ और तीन व्यक्तियों की तो तीन से भी ज़्यादा पत्नियाँ दर्ज हैं। यह जानकारी स्वयं इन व्यक्तियों ने अपनी PPP आईडी में दर्ज कराई है, जिसे फ़ैमिली आईडी भी कहा जाता है।

हरियाणा सरकार ने सभी सरकारी योजनाओं का लाभ फ़ैमिली आईडी से जोड़ दिया है। इसका अर्थ है कि हरियाणा के किसी भी निवासी को बिना फ़ैमिली आईडी के किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसी वजह से लोगों के लिए अपनी फ़ैमिली आईडी में सभी जानकारियाँ सही-सही देना अनिवार्य हो गया है। परिवार पहचान प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि चूंकि यह जानकारी लोगों ने स्वयं दी है, इसलिए यह सही होगी। अधिकारियों के अनुसार, किसी व्यक्ति के परिवार का सत्यापन नहीं किया जा सकता, केवल जाति या आय का सत्यापन ही होता है।

नूंह में सबसे अधिक बहुविवाह के मामले PPP डेटा के विश्लेषण से सामने आया है कि नूंह जिले में बहुविवाह के सबसे ज़्यादा मामले हैं, जहाँ 353 लोगों की एकल परिवार में दो पत्नियाँ हैं। अन्य जिलों में यह संख्या इस प्रकार है: अंबाला (87), भिवानी (69), चरखी दादरी (30), फरीदाबाद (267), फतेहाबाद (104), गुरुग्राम (157), हिसार (152), झज्जर (72), जींद (146), कैथल (92), करनाल (171), कुरुक्षेत्र (96), महेंद्रगढ़ (81), पलवल (178), पंचकूला (44), पानीपत (129), रेवाड़ी (80), रोहतक (78), सिरसा (130), सोनीपत (134) और यमुनानगर (111)।

तीन पत्नियों वाले मामलों की बात करें तो भिवानी, फरीदाबाद और सोनीपत में दो-दो व्यक्ति, जबकि हिसार, झज्जर, जींद, करनाल, कुरुक्षेत्र, नूंह, पलवल और रेवाड़ी में एक-एक व्यक्ति की तीन पत्नियाँ PPP में दर्ज हैं।

डॉ. सतीश खोला, स्टेट कोऑर्डिनेटर, परिवार पहचान प्राधिकरण, ने बताया कि परिवार पहचान पत्र एक धर्मनिरपेक्ष आईडी है और इसमें धर्म का कोई कॉलम नहीं है। हालाँकि, सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रत्येक नागरिक की जाति ज़रूर लिखी गई है और उसका सत्यापन भी कराया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति की पत्नी और बच्चों का सत्यापन नहीं हो सकता।