Copy of Copy of हाईकोर्ट की लगी ऐसी फटकार दारोगा समेत 65 पुलिसकर्मी सस् पेंड पढ़ें पूरा मामला9

गैंगरेप केस में बड़ौली-मित्तल की मुश्किलें फ‍िर बढ़ीं! जानें कोर्ट का बड़ा फैसला

हरियाणा की बड़ी खबर

➤ सोलन कोर्ट ने गैंगरेप केस की रिवीजन याचिका की मंजूरी दी
➤ बड़ौली-मित्तल पर केस दोबारा खुलने की संभावना
➤ कसौली कोर्ट में 30 जुलाई को पीड़िता देगी बयान


हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और हरियाणवी सिंगर रॉकी मित्तल पर गैंगरेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता को हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला सत्र न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने पीड़िता की रिवीजन याचिका को स्वीकार करते हुए कसौली कोर्ट की क्लोजर रिपोर्ट पर दोबारा सुनवाई के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद अब केस एक बार फिर से खुलने की स्थिति में पहुंच गया है।

एडवोकेट नीरज गाजटा ने पुष्टि की है कि डॉ. अरविंद मल्होत्रा की कोर्ट ने 6 जुलाई को दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब मंजूर कर लिया गया है। इसके चलते 30 जुलाई को पीड़िता को कसौली कोर्ट में पेश होकर बयान देना होगा। इसके बाद अदालत तय करेगी कि बड़ौली और रॉकी मित्तल पर मुकदमा चलेगा या नहीं

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क्या है पूरा मामला?

इस केस की FIR पीड़िता ने 13 दिसंबर 2024 को कसौली पुलिस स्टेशन में गैंगरेप की धारा 376D के तहत दर्ज करवाई थी। उसने आरोप लगाया था कि 23 जुलाई 2024 को जब वह अपनी सहेली और बॉस अमित बिंदल के साथ कसौली घूमने गई थी, तब हिमाचल टूरिज्म कॉर्पोरेशन के होटल ‘रोज कॉमन’ में उसके साथ जबरन शराब पिलाकर गैंगरेप किया गया।

पीड़िता के अनुसार, आरोपियों ने न सिर्फ उसका यौन शोषण किया बल्कि झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी। उसने यह भी दावा किया कि बाद में उसे पंचकूला बुलाकर दबाव बनाने की कोशिश की गई।


कसौली पुलिस ने क्यों बंद किया था केस?

जांच के दौरान कसौली पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत इकट्ठा नहीं कर पाई। महिला ने मेडिकल जांच कराने से इनकार कर दिया था और घटना के काफी समय बाद FIR दर्ज की गई थी, जिससे सीसीटीवी फुटेज, शराब के ग्लास, बेडशीट जैसे जरूरी सबूत उपलब्ध नहीं हो पाए। यही नहीं, होटल स्टाफ भी घटना की कोई पुष्टि नहीं कर सका। इसके बाद 12 मार्च 2025 को पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर केस बंद कर दिया।


अब क्या होगा आगे?

अब कसौली कोर्ट 30 जुलाई को पीड़िता का बयान रिकॉर्ड करेगी और फिर यह फैसला करेगी कि इस मामले में दोबारा सुनवाई होगी या नहीं। यदि कोर्ट पीड़िता की बातों से संतुष्ट होती है तो केस को दोबारा खोला जाएगा और बड़ौली व मित्तल पर फिर से IPC की धाराओं के तहत मुकदमा चलेगा। नहीं तो दोनों को कोर्ट से क्लीन चिट मिल सकती है।