एमबीबीएस घोटाले के चलते पांच निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रैक्टिकल सेंटर बदले गए
अब ये परीक्षा 26 अप्रैल के बाद सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आयोजित होंगी
घोटाले में 41 लोगों पर FIR, COI पद से हटाए गए, 12 कर्मचारी निलंबित या बर्खास्त
MBBS Exam Scam Haryana: हरियाणा में हाल ही में सामने आए एमबीबीएस परीक्षा घोटाले के बाद पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, रोहतक (UHSR) ने परीक्षा प्रक्रिया में सख्ती बढ़ा दी है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पांच प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के सप्लीमेंट्री प्रैक्टिकल एग्जाम सेंटरों को बदलने का निर्णय लिया है। अब ये प्रैक्टिकल परीक्षाएं संबंधित प्राइवेट संस्थानों में न होकर 26 अप्रैल को थ्योरी परीक्षा समाप्त होने के बाद सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आयोजित की जाएंगी। इस कदम के पीछे हाल ही में सामने आया वह घोटाला है जिसमें दो निजी मेडिकल कॉलेजों के छात्र कथित रूप से उत्तर पुस्तिकाओं में फेरबदल कर पास होने की कोशिश में लगे थे। आरोप है कि कर्मचारियों की मिलीभगत से प्राइवेसी ब्रांच से उत्तर पुस्तिकाएं बाहर निकाली गईं, दोबारा हल की गईं और फिर से जमा कर दी गईं।
इस संबंध में यूएचएसआर के परीक्षा नियंत्रक कार्यालय द्वारा PGIMS रोहतक, एसएचकेएम राजकीय मेडिकल कॉलेज नल्हड़ (मेवात), और कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज करनाल के निदेशकों को पत्र भेजा गया है। निर्देश दिया गया है कि सरकारी संस्थानों के विभागाध्यक्ष बाहरी परीक्षकों से समन्वय करके मेरिट या अनुक्रम के आधार पर प्रैक्टिकल परीक्षाएं आयोजित करें। साथ ही परीक्षक पैनल को अंतिम रूप देने और निजी कॉलेजों को सूचना देने की जिम्मेदारी भी इन्हें सौंपी गई है।
लेटर में स्पष्ट कहा गया है कि सभी प्रैक्टिकल एग्जाम 10 मई तक हर हाल में पूरे कर लिए जाएं और उनके परिणाम तुरंत विश्वविद्यालय के पोर्टल पर अपलोड किए जाएं। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल ने कहा है कि हम परीक्षा की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। अधिकारियों के अनुसार, तीन निजी कॉलेजों के छात्रों के लिए प्रैक्टिकल परीक्षा अब पीजीआईएमएस रोहतक में होगी, जबकि बाकी दो कॉलेजों के छात्रों को कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, करनाल में भेजा जाएगा।
इस पूरे मामले में अब तक 41 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है। इनमें 24 छात्र निजी मेडिकल कॉलेजों के हैं, जबकि 17 विश्वविद्यालय के कर्मचारी हैं। यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक डॉ. अमरीश भगोल को तत्काल प्रभाव से पद से मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा छह नियमित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और छह आउटसोर्सिंग स्टाफ की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।