➤ विकास बराला को हटाया गया हरियाणा के लॉ ऑफिसर्स की सूची से
➤छेड़छाड़ मामले में आरोपी विकास बराला को मिली नियुक्ति पर मचा था बवाल
➤ सरकार ने गृह विभाग के माध्यम से जारी किया आदेश, जांच लंबित होने पर लिया फैसला
हरियाणा सरकार ने छेड़छाड़ मामले के आरोपी और बीजेपी नेता सुभाष बराला के बेटे विकास बराला को राज्य के लॉ ऑफिसर्स की सूची से हटा दिया है। विकास बराला को 18 जुलाई को 97 सहायक अधिवक्ताओं की सूची में शामिल किया गया था, लेकिन उनकी नियुक्ति के तुरंत बाद विवाद खड़ा हो गया।
दरअसल, 2017 में IAS अफसर की बेटी ने विकास बराला और उसके दोस्त पर रात में पीछा करने और जबरन गाड़ी रोकने की कोशिश का आरोप लगाया था। यह मामला देशभर में सुर्खियों में रहा था और इसे महिला सुरक्षा और राजनीतिक दबाव जैसे मुद्दों से जोड़ा गया था। विकास बराला इस मामले में अभी भी ट्रायल फेस कर रहे हैं, जिसकी सुनवाई चंडीगढ़ की अदालत में जारी है। इस फैसले ने न केवल प्रशासनिक स्तर पर हलचल मचाई है, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है।
बराला की नियुक्ति के विरोध में 45 से अधिक रिटायर्ड IAS अधिकारियों ने हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने इसे बेटी बचाओ अभियान के मूल उद्देश्य के विपरीत और न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता पर आघात करार दिया था। साथ ही पीड़िता ने भी इस फैसले पर नाराजगी जताई थी, और सरकार से फैसले को पलटने की मांग की थी।
विवाद बढ़ने के बाद हरियाणा सरकार ने गृह विभाग के माध्यम से विकास बराला को हटाने का आदेश जारी किया। अब यह स्पष्ट है कि सरकार को जनदबाव और नैतिक आलोचना के चलते यह फैसला लेना पड़ा है। हालांकि, अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि उनकी नियुक्ति में किस स्तर पर चूक हुई थी और क्या आगे किसी जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।