जादूगर शंकर सम्राट एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जादूगर हैं। जादूगरी की दुनिया में 48 साल से बादशाहत कायम कर चुके सम्राट शंकर 28,000 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शो कर चुके हैं। जादू के क्षेत्र में अपने अतुल्य योगदान के कारण उन्हें कई सारे पुरस्कार और सम्मान से नवाजा गया है।
जादूगर शंकर का शुरुआती जीवन
विश्व प्रसिद्ध जादूगर सम्राट शंकर का जन्म 1950 में हरियाणा के ऐलनाबाद में अग्रवाल बिजनेसमैन परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम इंद्र मोदी अग्रवाल था।
कुछ साल बाद इनका परिवार राजस्थान के श्रीकरणपुर में शिफ्ट हो गया। सम्राट शंकर का विवाह 1975 में ललिता के साथ हुआ। ललिता और शंकर के दो बेटे और एक बेटी है।
उनके पिता चाहते थे कि पढ़ाई पूरी करने के बाद शंकर अपना पारिवारिक व्यवसाय संभालें लेकिन, उन्होंने जादूगरी की दुनिया में कदम रखा और पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
12 वर्ष की आयु में ‘देव कुमार जादूगर’ से मिली जादूगर बनने की प्रेरणा
जादूगर शंकर बचपन में इंजीनियर बनना चाहते थे। शंकर जब 12 वर्ष के थे तो उनके स्कूल में जादूगर देव कुमार के शो का आयोजन करवाया गया। शंकर को जादूगर देव कुमार के शो से जादू सीखने की प्रेरणा मिली। इसके बाद परिवार के खिलाफ जाकर उन्होंने इस कला को अपनाया।
शंकर की प्रारम्भिक शिक्षा
शंकर सम्राट की प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के श्रीकरणपुर में हुई। इसके बाद उन्होंने अपनी बीए और एमकॉम की डिग्री पूरी की। उन्होंने बताया कि इस कला को अपनाने का उनका संकल्प दुनिया के अंदर अपनी अलग पहचान बनाना रहा है। कड़ी मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में उन्हें कामयाबी मिली।
एमकॉम की पढ़ाई के बाद बिना घरवालों को बताए 1970 में शंकर जादूगर बीएन सरकार के पास पहुंच गए। शंकर ने 5 साल तक विश्व विख्यात जादूगर बीएन सरकार से जादू करने की कला सीखी।
1974 में हुई भारत के इतिहास में महान जादूगर की एंट्री
शंकर ने जादूगरी की विद्या में पारंगत होने के बाद 1974 में राजस्थान के करणपुर में अपना पहला स्टेज सो किया। इस शो को दर्शकों द्वारा बेहद पसंद किया गया।
जादूगर शंकर को 50 साल का अनुभव
अपने 50 साल के करियर में जादूगर सम्राट शंकर ने देश-विदेश में 28 हजार के लगभग शो किए हैं। यह अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड है।
अपने शो के कारण आज देश-विदेश में सम्राट शंकर काफी लोकप्रिय हैं। वह इंग्लैंड, जर्मनी, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया और नेपाल जैसे देशों में अपनी जादूगरी से लोगों का मनोरंजन कर चुके हैं।
देश को समर्पित किए 23,000 शो
जादूगर सम्राट संकर अब तक 28000 से अधिक शो कर चुके हैं। इनमें से 23000 से अधिक शो को उन्होंने देश को समर्पित किया है । जब भी देश पर मुसीबत आई उन्होंने शो कर कर धन जुटाया और लोगों की मदद की।
कारगिल शहीद, गुजरात भूकंप, सुनामी, बाढ़, मुख्यमंत्री राहत कोष, स्कूल, अस्पताल निर्माण से लेकर निर्धन और बेसहारा लोगों की मदद के लिए उन्होंने शो किए हैं। इस तरह शंकर अब तक 1 करोड़ 70 लाख रुपया विभिन्न राहत कोष में जमा कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने कई एनजीओ को भी आर्थिक मदद की है।
लंदन शो के दौरान देर से पहुंचे जादूगर शंकर ने बदला दर्शकों की घड़ी का समय
जादूगर शंकर सम्राट का लंदन शो 40 दिन तक चला। यह उनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि रही है। लंदन में शो के दौरान एक बेहद दिलचस्प किस्सा हुआ। शो वाले दिन शंकर किसी कारण से एक घंटा लेट हो गए। वहां मौजूद लोग नाराज हो गए और कहने लगे कि इंडिया के लोग समय को लेकर पंक्चुअल नहीं हैं।
यह बात जब सम्राट शंकर को पता चली कि दर्शक गुस्से में हैं, तो उन्होंने शो में पहुंचते ही सभी के हाथ की घड़ी का समय ही बदल दिया और लोगों को लगा कि शो तय समय से पांच मिनट पहले ही शुरू हो गया है।
सम्राट शंकर ने कहा कि हम तो समय से 5 मिनट पहले आ चुके हैं, अगर यकीन नहीं हो तो अपनी घड़ी देखिये। दर्शकों ने जब घड़ी को देखा तो वह हैरान हो गए और उन्हें बहुत ही ताज्जुब हुआ। इस घटना से सम्राट शंकर मीडिया में छा गए।
विश्व प्रसिद्ध जादूगर सम्राट शंकर की ज़िंदगी पर बनेगी फिल्म
भारतीय सिनेमा में जादू को लेकर अब धीरे-धीरे लोगों की दिलचस्पी बढ़ रही है। जादू को लेकर अब तक करीब 50 फिल्में बन चुकी हैं। इनमें अमिताभ बच्चन को लेकर बनी प्रकाश मेहरा की फिल्म ‘जादूगर’ भी शामिल है।
पहली बार किसी जादूगर की ज़िंदगी और जादुई खेल की हकीकत को लेकर एक फिल्म बनने जा रही है। सम्राट शंकर और उनकी जिंदगी पर बन रही इस फिल्म का नाम ‘जादू मेरी नज़र’ है। इस फिल्म का निर्माण हरीराज फिल्म्स के बैनर तले हो रहा है। फिल्म का निर्देशन वरिष्ठ पत्रकार और प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक प्रदीप सरदाना करेंगे। प्रदीप सरदाना कई वर्ष पहले जादूगर शंकर पर दूरदर्शन के साथ मिलकर 10 एपिसोड का एक सीरियल भी बना चुके हैं।
जादूगर शंकर के हैरतअंगेज और रहस्यमई जादू
•आंखों पर पट्टी बांधकर भीड़ वाली सड़क पर बाइक चलाना।
•जिंदा लड़की को दो टुकड़ों में और फिर से जोड़ना।
•लड़कियों को हवा में उड़ा देना।
•जादूगर का 12 फुट तक हवा में उड़ना।
•हाथ मिलाते हुए हथकड़ी पहना।
•6 फीट लंबे आदमी को बौना बना देना।
•कागज के टुकड़े से 2000 का नोट बनाना।
•घड़ी की सुई को आगे-पीछे कर देना।
•घड़ी की सुई को रोक देना।
•मोबाइल से गेंद निकालना।
•हाथ को चलाते हुए काजू बना देना।
•नोटों से नोटों की बारिश कर देना।
पुरस्कार एवं सम्मान
• 1982 में जादूगरी प्रतियोगिता में मैजिक इंडिया इंटरनेशनल सर्कल ने उन्हें सम्मानित किया गया।
• 1984 में राजस्थान के सीएम ने शंकर को राजस्थान गौरव की उपाधि से सम्मानित किया।
• भारतीय जादूगर सम्मेलन 1985 में उन्हें जादूगर रत्न की उपाधि से नवाजा गया।
• 1994 में जादूगर भास्कर की उपाधि तथा 1996 में ज्ञान भारती का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इन्हें जादू शिरोमणि का पुरस्कार दिया।
• 2000 में सर्वश्रेष्ठ कलाकार के सम्मान से सम्मानित किया गया।
• राजस्थान की सरकार ने 2002 में मैजिक इंटरनेशनल राजस्थान के द्वारा समाज रत्न की उपाधि दी।
• 2004 में इंग्लैंड कि संस्था ने प्रमाण पत्र तथा उपाधि से सम्मानित किया।
• 2004 में म्यूजिक किंग ऑफ इंडिया की स्थापना का सम्मान इंडिया एसोसिएशन चंडीगढ़ द्वारा दिया गया।
• 2005 में अवरोध विकास राष्ट्र, राष्ट्रीय अवरोध विकास, प्रश्न राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
• 2005 में जादूगर सम्मेलन उदयपुर में जादू जगत का शिखर सम्मान अंतरराष्ट्रीय जादू कला के महान अवार्ड से सम्मानित किया गया।
जन्म | 1950, ऐलनाबाद (हरियाणा) |
पिता | श्री इंद्र मोदी अग्रवाल |
पेशा | जादूगर |
पत्नी | ललिता |
शो | 28,000 से अधिक |