करनाल के झींझाड़ी गांव में 24 सितंबर को जय भगवान की बदमाशों ने दुकान में गोलियां मारकर हत्या की थी। इस मामले में अंबाला एसटीएफ टीम ने दो बदमाशों को काबू किया है। एक बदमाश की पहचान सोनीपत निवासी चिराग उर्फ आशु जो गोगी गैंग का गुर्गा बताया जा रहा है तो वहीं दूसरे एक नाबालिक आरोपी को भी एसटीएफ टीम ने काबू किया है। दोनों आरोपियों को गहन पूछताछ के लिए करनाल की सीआईए 1 शाखा को सौंप दिया गया है
वही इस गोली हत्याकांड से जुड़े अन्य बदमाशों का भी पता चल चुका है जल्द पुलिस उनको गिरफ्तार करेगी।
बदमाशों ने की थी 30 से 40 राउंड फायरिंग
गांव झिंझाडी में दुकान पर बैठे जयभगवान पर आई-20 गाड़ी में सवार होकर आए 6 बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया था। इनमें से 2 बदमाश गाड़ी में बैठे रहे, जबकि बाकी 4 ने दुकान में घुसकर व्यापारी को ऑटोमैटिक पिस्टल से 15 गोलियां दागी। बताया गया कि हमलावरों ने 30 से 40 राउंड फायर किए। पुलिस को दुकान के भीतर से लेकर नाले से भी सबूत मिले हैं।
गैंगवार से जुड़ा है ये मामला
मामला गैंगवार से जुड़ा हुआ है। साल 2018 में शराब ठेकेदार बबली की हत्या की गई थी। इसके बाद साल 2019 में बबली के साले दादूपुर निवासी पिंटू की हत्या हुई थी। आरोप लगा था कि गांव झिंझाड़ी निवासी गोल्डी पुत्र जयभगवान ने इसकी रेकी की थी। 26 दिसंबर 2019 को गांव झिंझाडी निवासी गोल्डी, उसके पिता जयभगवान और चाचा धर्मबीर पर हमला हुआ था। इसमें गोल्डी को 2 गोली, जयभगवान को एक और धर्मबीर को 3 गोलियां लगी थी।
हालांकि, इनकी जान बच गई थी। पुलिस ने इस मामले में नेपाल से नरेश अंजनथली को गिरफ्तार किया था। रविवार को जिस वक्त वारदात हुई जयभगवान का बेटा गोल्डी और भाई धर्मवीर अपने घर पर थे। दुकान पर जयभगवान अकेला ही था।