Haryana के नारनौल के निजामपुर थाना क्षेत्र में स्थित निमावत ग्रेनाइट प्राइवेट लिमिटेड में 10 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। कंपनी के अकाउंटेंट गोविंद अग्रवाल की शिकायत पर कोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया।
कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद केस दर्ज
अकाउंटेंट के अनुसार, आरोपी आशीष पुरेखा को 2017-18 में कंपनी के प्रबंधन और खातों की जिम्मेदारी दी गई थी। बाद में उसे कंपनी का नॉमिनेटेड मालिक, माइनिंग एजेंट और कानूनी मामलों का प्रभारी भी बनाया गया। कंपनी ने उसे 2021 में पावर ऑफ अटॉर्नी दी। इसके बाद, उसने गुपचुप तरीके से कोलकाता में कंपनी के नाम पर दो बैंक खाते खोले और उनका संचालन खुद ही शुरू कर दिया।
फर्जी दस्तावेजों पर खाता खोलकर धनराशि का गबन
आरोपी ने झूठे दस्तावेजों के आधार पर खातों का संचालन किया और नवंबर 2021 से अक्टूबर 2023 के बीच 10 करोड़ से अधिक की राशि का गबन किया। उसने अज्ञात कंपनियों को धनराशि भेजने का नाटक कर पैसे वापस मंगवा लिए और बड़ी रकम अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल की।
शिकायत के बावजूद पुलिस की चुप्पी
जब कंपनी को 2023 में गबन का पता चला, तो उन्होंने निजामपुर थाना में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। मजबूर होकर अकाउंटेंट ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने आरोपी आशीष पुरेखा, उसकी पत्नी निशा, भाई अभिषेक और अन्य सहयोगियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करने के आदेश दिए।
कई कंपनियां भी जांच के घेरे में
जांच में पता चला कि आरोपी ने दो अलग-अलग कंपनियों को 10 और 11 करोड़ रुपए भेजे। ये कंपनियां आरोपी के जानकारों से जुड़ी हुई थीं। इसके जरिए उसने 10 करोड़ 24 लाख 35 हजार 843 रुपए का फायदा उठाया।
आगे की जांच जारी
कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अब इस धोखाधड़ी के पीछे की साजिश और अन्य दोषियों की भूमिका को लेकर पुलिस गहराई से जांच कर रही है।