➤ 10 महीने बाद सड़क हादसे की गुत्थी सुलझी, रोडवेज ड्राइवर गिरफ्तार
➤ एफएसएल रिपोर्ट से खुला राज, 300 सीसीटीवी खंगालने के बाद टूटी चुप्पी
➤ बुलेट सवार दो दोस्तों की मौत, हादसे में शामिल रेवाड़ी डिपो की बस निकली
सोनीपत के जीटी रोड स्थित काली माता मंदिर के पास 20 अक्तूबर 2024 की रात हुए दर्दनाक सड़क हादसे की गुत्थी आखिरकार 10 महीने बाद सुलझ गई। यह हादसा रात 12 बजे के करीब हुआ था, जब फ्लिपकार्ट में काम करने वाले दो दोस्त – प्रवीण और दीपक, निवासी महावटी गांव, पानीपत, बुलेट बाइक से घर लौट रहे थे। तभी किसी अनजान वाहन ने पीछे से टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के समय अंधेरा था, और कोई सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध नहीं थी, जिससे टक्कर मारने वाले वाहन की पहचान करना बेहद मुश्किल था। बड़ी थाना पुलिस ने मृतक प्रवीण के भाई दीपक की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया, लेकिन सुराग ना मिलने के कारण जांच ठंडी पड़ने लगी थी।

हालांकि, पुलिस की फोरेंसिक टीम ने मौके से कुछ टूटे हुए शीशे और नीले रंग के पेंट के निशान इकट्ठा किए और विधि विज्ञान प्रयोगशाला, मधुबन भेजे। आठ महीने बाद एफएसएल की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ – बुलेट पर जो नीला पेंट मिला वह हरियाणा रोडवेज की बसों में इस्तेमाल होता है, और शीशा बस की हेडलाइट का था।

इसके बाद पुलिस ने घटना रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक गुजरने वाली सभी 150+ रोडवेज बसों की जांच शुरू की। करीब 300 सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिनमें से 10 संदिग्ध बसों को शॉर्टलिस्ट किया गया। एफएसएल की रिपोर्ट और मैचिंग पेंट और शीशे के सैंपल के आधार पर आखिरकार पुलिस ने रेवाड़ी डिपो की एक बस और उसके चालक तोखराज, निवासी कांटी, जिला महेंद्रगढ़ को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी ऋषिकांत ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि यह केस पुलिस के लिए बेहद जटिल था। मौके पर न कोई गवाह था, न सीधा सबूत, लेकिन फॉरेंसिक की मदद से हत्यारे वाहन और उसके चालक की पहचान संभव हो पाई। तोखराज से पूछताछ जारी है, और पुलिस अब उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304-A (लापरवाही से मौत) और 279 (लापरवाही से वाहन चलाना) के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है।
इस केस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि फॉरेंसिक साइंस और दृढ़ जांच प्रणाली से असंभव भी संभव हो सकता है, और दोषियों को बच निकलना मुश्किल है, चाहे समय कितना भी लग जाए।

