हरियाणा के जिला सोनीपत के रेलवे रोड स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में संत निरंकारी मिशन की सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की प्रेरणा से रक्तदान शिविर लगाया गया। जिसमें निरंकारी संतों ने 131 यूनिट रक्तदान किया। इससे पहले संत निरंकारी मिशन के प्रचार विभाग की प्रभारी माननीय राजकुमारी मामी और मेडिकल विंग प्रभारी डॉ. नरेश अरोड़ा ने रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया।
शिविर में उत्साहवर्धन के लिए रक्तदाताओं को सर्टिफिकेट और अल्पाहार दिया गया। रक्तदान शिविर में सोनीपत के अलावा गन्नौर, गोहाना, राई, खरखौदा, फरमाना, बरोदा और कुंडली के निरंकारी संत शामिल हुए। इस दौरान निरंकारी संत राजकुमारी ने कहा कि सतगुरु माता सुदीक्षा की रहनुमाई में रक्तदान शिविर लगाए जाते हैं। जब बाबा निरंकारी संत गुरबचन सिंह की शहादत हुई तो सभी संत भक्त महात्माओं के अंदर यह था कि हमें इसका बदला लेना है। तब बाबा हरदेव सिंह महाराज ने कहा था कि बदला तो जरूर लेना है, लेकिन किसी का खून बहा कर नहीं, अपना खून देकर। किसी को जीवन दान देकर ही इस शहादत का बदला लेना है।

उन्होंने कहा कि बाबा हरदेव सिंह महाराज ने एक पंक्ति कही थी कि खून नाड़ियों में बहे नालियों में नहीं। तब से निरंकारी संतों के द्वारा यह रक्तदान शिविर का शुभारंभ हुआ। रक्त का दान एक महादान होता है। यही गुरु का हुक्म है और संतों में सेवा का जज्बा है।

सतगुरु बाबा हरदेव सिंह महाराज ने कहा था कि जो गुरु का कहा मानते हैं तो उनकी सेवाएं हमेशा कुबूल होती हैं। संतों के अंदर वह सेवा का भाव है, वह समर्पित हैं, इसलिए उनकी सेवाएं सतगुरु कुबूल करते हैं।

रक्तदान शिविर की व्यवस्था में संयोजक राजन छाबड़ा, संचालक सूरज प्रकाश, पवन कुमार, राजकुमार तुली, रामरति और सुनील सचदेवा की समर्पित सेवाएं सतगुरु के आदेश में रही।