Dabwali में अग्निकांड की 29वीं बरसी आज हिसार में श्रद्धा के साथ मनाई गई। 1995 में हुए इस भयंकर अग्निकांड में 442 लोग अपनी जान गंवा बैठे थे, जिनमें 248 बच्चे भी शामिल थे। यह घटना उस समय हुई थी जब एक धार्मिक जलसा चल रहा था और अचानक आग लग गई, जिससे लाखों लोग मारे गए थे।
आज की बरसी पर जिला पुलिस प्रमुख, डीएसपी ने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। इस मौके पर परिवारों और स्थानीय निवासियों ने भी अपने प्रियजनों को याद किया और शोक व्यक्त किया। डबवाली अग्निकांड को लेकर हर साल इस दिन के मौके पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो घटना की भयावहता और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।
क्या थी पूरी घटना-
23 दिसंबर 1995 को सिरसा जिले के डबवाली स्थित डीएवी स्कूल में वार्षिक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा था। इस खुशी के मौके पर लोग उत्सव में भाग ले रहे थे, लेकिन अचानक एक दर्दनाक हादसा घटित हो गया। महोत्सव के दौरान आग लग गई, जो देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर गई। इस भीषण अग्निकांड में 442 लोग जिंदा जल गए, जिनमें 248 बच्चे और 150 महिलाएं शामिल थीं।
आग इतनी तेजी से फैली कि लोग बचाव के लिए भागने में असमर्थ रहे। इस घटना ने डबवाली और उसके आसपास के क्षेत्रों को हिला कर रख दिया। शवों की संख्या इतनी अधिक थी कि अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट भी छोटा पड़ गया।
आज भी डबवाली के लोग उस काले दिन को नहीं भूल पाए हैं, जब खुशी का माहौल मातम में बदल गया और सैकड़ों परिवारों के घरों में सदमा आया। यह घटना ना केवल डबवाली, बल्कि पूरे देश के लिए एक दिल दहला देने वाला हादसा बन गई।