हरियाणा के जिला सोनीपत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरुचि अतरेजा सिंह ने किशोरी को बहकाकर ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म व मुख्य आरोपी की मदद करने के मामले में 3 आरोपियों को दोषी करार दिया है। दोषियों में घटना के समय एक आरोपी नाबालिग था। न्यायालय की ओर से उसे भी बराबर सजा दी गई है। अदालत ने प्रत्येक पर 1.55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। प्रत्येक की जुर्माना राशि में 50 हजार रुपये पीड़िता को देने के आदेश दिए गए हैं।
खरखौदा थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने 2 मार्च 2021 को पुलिस दी शिकायत में बताया था कि उनकी करीब 17 साल की बेटी 1 मार्च 2021 की रात को घर में सो रही थी। सुबह उठे तो बेटी लापता मिली थी। जब उन्होंने बेटी का पता लगाने के प्रयास किए तो उन्हें जानकारी मिली कि उनकी बेटी को अंकित बहकाकर ले गया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया था। इसके बाद 26 अप्रैल 2021 को लड़की लौट आई थी। तब पता लगा था कि अंकित उसे शादी की नियत से जबरन बहकाकर ले गया था। जिसमें सागर ने उसकी मदद की थी। साथ ही गांव का एक नाबालिग भी उनका मददगार बना था। लड़की ने बताया था कि वह घर से लाखों रुपये के आभूषण लेकर गई थी। जिन्हें सागर को दिया था। सागर ही उन्हें कार में लेकर यूपी की तरफ गया था। आरोपी उसे जहां ले गए, उसे उस जगह की जानकारी नहीं थी।

पुलिस को दी शिकायत में लड़की के आरोप थे कि अंकित ने उसके साथ गलत काम किया था। जिस पर मामले में दुष्कर्म सहित अन्य धारा जोड़ी गई। आरोपी सागर ने कोर्ट से अग्रिम जमानत ली थी। उसके बाद जांच में शामिल नहीं हुआ था। इसी बीच मामले में एससीएसटी एक्ट जोड़ा गया था। जिसमें जांच तत्कालीन डीएसपी रविंद्र कुमार को सौंपी गई। इसी बीच आरोपी सागर को रोहतक पुलिस ने एक अन्य मामले में काबू किया था। उसे प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया। पुलिस पूछताछ में सामने आया था कि वह किशोरी को शिमला और बाद में मथुरा लेकर आए थे। पुलिस ने आरोपी से किशोरी के घर से चोरी किए गए आभूषण भी बरामद किए थे। बाद में मामले में 7 सितंबर 2022 को मुख्य आरोपी अंकित को गिरफ्तार किया गया था।
साथ ही इस मामले में आरोपी के मददगार एक नाबालिग को भी काबू किया गया। मामले में तत्कालीन डीएसपी रविंद्र कुमार की टीम ने सबूत जुटाकर कोर्ट में पेश किए थे। साथ ही चालान पेश किया गया था। इस संबंध में सरकारी अधिवक्ता जितेंद्र कुमार का कहना है कि मामले में सुनवाई शुरू की गई। जिसमें एएसजे सुरुचि अतरेजा सिंह ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया। अदालत ने तीनों को अलग-अलग धाराओं में उम्रकैद व प्रत्येक को 1.55 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रत्येक की जुर्माना राशि में 50-50 हजार पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं। जुर्माना न देने पर 55 माह अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी होगी।