फरीदाबाद के औद्योगिक क्षेत्र के लिए राहत भरी खबर है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की हालिया घोषणा के मुताबिक शहर की 32 अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियों को जल्द कानूनी मान्यता मिलने की उम्मीद है। इस कदम से जहां करीब 24 हजार छोटे-बड़े उद्योगों को वैधता मिलेगी, वहीं इनमें कार्यरत ढाई लाख से अधिक मजदूरों के जीवन में स्थिरता और सुरक्षा आएगी।
सरूरपुर से न्यू डीएलएफ तक राहत की लहर
फरीदाबाद को ‘कलपुर्जों की नगरी’ कहा जाता है, जहां सरूरपुर, कृष्णा कॉलोनी, न्यू डीएलएफ और गाजीपुर सहित 32 अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियां वर्षों से सक्रिय हैं। उदाहरण के लिए, न्यू डीएलएफ में 150, सरूरपुर में 3200 और कृष्णा कॉलोनी में लगभग 1500 उद्योग संचालित हो रहे हैं। अनधिकृत दर्जे के चलते यहां के उद्यमियों को फैक्ट्री लाइसेंस, बिजली कनेक्शन, बैंक लोन और नगर निगम की मूलभूत सुविधाओं के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
10 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाली कॉलोनियां होंगी नियमित
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि 10 एकड़ से कम क्षेत्र में फैली औद्योगिक कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम और शहरी विकास विभाग को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके बाद इन कॉलोनियों में उद्योगों को वैध दस्तावेज प्राप्त होंगे, जिससे उन्हें बैंक लोन और अन्य वित्तीय सेवाएं प्राप्त करने में आसानी होगी।
बिजली, पानी, सड़क और स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी
कॉलोनियों के नियमित होने के बाद बुनियादी सुविधाओं में भी भारी सुधार होगा। बिजली, पानी, सड़क, ड्रेनेज और स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाएं इन इलाकों में उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे न केवल कामकाज आसान होगा बल्कि श्रमिकों का जीवनस्तर भी बेहतर होगा।
लंबे समय से चल रही थी मांग
औद्योगिक संस्था ‘लघु उद्योग भारती’ समेत शहर की कई औद्योगिक एसोसिएशनों ने सरकार से इन कॉलोनियों को नियमित करने की मांग की थी। हाल ही में मुख्यमंत्री को एक औपचारिक ज्ञापन भी सौंपा गया था, जिसके बाद सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
अब शहर में ही बनेंगे फैक्ट्री लाइसेंस
अब तक उद्यमियों को फैक्ट्री लाइसेंस बनवाने के लिए चंडीगढ़ के चक्कर काटने पड़ते थे, जिससे न केवल समय बल्कि संसाधनों की भी बर्बादी होती थी। लेकिन अब यह सुविधा शहर में ही उपलब्ध होगी, जिससे उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी और औद्योगिक प्रक्रिया तेज होगी।