हरियाणा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लंबे समय से बकाया 372 करोड़ रुपये के पानी बिल माफ कर दिए हैं। कैबिनेट के इस निर्णय से लगभग 29 लाख घरों को लाभ होगा, और अब ग्रामीणों से सिर्फ एक साल के पानी बिल का भुगतान किया जाएगा। इस निर्णय की घोषणा बुधवार को चंडीगढ़ में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद हुई, और इसकी सूचना ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा दी गई। इस मीटिंग में 15 एजेंडे पर निर्णय किए गए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा में 6 हजार से अधिक ग्रामीण चौकीदारों को सरकार ने प्रतिमहीन 400 रुपए देने का निर्णय लिया है। उन्हें इस राशि को अपने क्षेत्र में होने वाली किसी अनहोनी घटना से जुड़ी जानकारी प्रस्तुत करने के लिए महकमे में जाने का अधिकार होगा। इसके अलावा, ग्रामीण चौकीदारों को सरकार द्वारा रिटायरमेंट पर 2 लाख रुपए की एकमुश्त राशि भी प्रदान की जाएगी। राज्य में गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को भी महीने के तीन हजार रुपए की पेंशन मिलेगी, और इसमें किसी भी कटौती नहीं की जाएगी।

जिन परिवारों की वार्षिक आय 3 लाख रुपए से कम है, उन्हें यह पेंशन प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, हरियाणा ने ईको टूरिज्म के क्षेत्र में नई नीति बनाई है, जिसके तहत राज्य ने महत्वपूर्ण पहल की है। इसके साथ ही, हरियाणा वन्य प्राणी विभाग के कुछ नियमों में भी परिवर्तन किया गया है। इस बैठक में, पिछड़ा वर्ग की राज्य सूची में संशोधन को मंजूरी दी गई है, जिसमें 6 जातियों – अहेरिया, अहेरी, हेरी, हरि, तुरी, और थोरी को हटा दिया गया है। क्रम संख्या-31 पर जंगम-जोगी शब्द को जंगम में संशोधित किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए विशेष ट्रेन का आयोजन किया गया है, और इसके लिए सरकार ने विशेष व्यवस्था की है। यदि आवश्यकता हो, तो रेलवे से चर्चा करते हुए तीर्थ यात्रियों के लिए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए विशेष प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी।