➤समालखा में श्री गुरु हरकृष्ण साहिब जी का 369वां प्रकाश पर्व श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया।
➤कार्यक्रम में सुखमणि साहिब का पाठ और भाई गुरमुख सिंह द्वारा गुरबाणी कीर्तन किया गया।
➤गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान ने गुरु जी के जीवन और योगदान पर प्रकाश डाला।
समालखा, अशोक शर्मा
श्री गुरुद्वारा नानक दरबार साहिब,गुरुद्वारा श्री गुरु गोबिंद सिंह साहब में संगत द्वारा मिलजुल कर 8वें गुरु हरकृष्ण साहिब जी का 369 वां प्रकाश पर्व बड़ी श्रद्धा व सत्कार के साथ मनाया गया।प्रसाद की सेवा अमरजीत सिंह,हीरा सिंह,सतविंद्र सिंह,प्रियंका चौपड़ा के परिवारों की तरफ से की गई।इस उपलक्ष में सुखमणी साहिब के पाठ किए गए।उसके उपरान्त भाई गुरमुख सिंह ने गुरबाणी किर्तन करके संगत को निहाल किया।इस अवसर पर गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान जगतार सिंह बिल्ला ने गुरु हरकिशन साहब जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरू हर किशन साहिब जी का जन्म कीरतपुर साहिब में हुआ।वे गुरू हरराय साहिब जी के दूसरे पुत्र थे।8 वर्ष की अल्प आयु में गुरू हर किशन साहिब जी को गुरुपद प्रदान किया गया। गुरु हर राय जी ने गुरु हरकिशन जी को अष्ठम् गुरू के रूप में स्थापित किया।गुरसिखों एवं राजा जय सिंह के बार-बार आग्रह करने पर वो दिल्ली जाने के लिए तैयार हो गए।इसके बाद पंजाब के सभी सामाजिक समूहों ने आकर गुरू साहिब को विदायी दी।उन्होंने गुरू साहिब को अम्बाला के निकट पंजोखरा गांव तक छोड़ा।
इस अवसर पर तिलक चौपड़ा,मनजीत कौर,रुबी कौर,सीमा अरोड़ा,सरोज देवी,कनिका अरोड़ा,गुलशन कौर,कशिस मल्होत्रा,गुरुद्वारा जीटी रोड़ कमेरी कौर,प्रधान गोपाल सिंह,सर्वजीत कौर,हरकृष्ण कौर आदी मौजूद थे।