फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में राजा नाहर सिंह की पहली साढ़े 37 फीट की प्रतिमा स्थापित की गई। दशहरा मैदान में प्रतिमा की स्थापना राजा नाहर सिंह स्मारक समिति की ओर से की गई। राजा नाहर सिंह बल्लभगढ़ के आखिरी शासक रहे। इससे पहले मंत्रोच्चारण के साथ हवन-यज्ञ कर समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने पूर्णाहूति डाली।
राजा नाहर सिंह स्मारक समिति के प्रधान सत्यवीर डागर ने कहा कि जिस राजा की नगरी में हम रह रहे हैं, उन्हें याद करना हमारा कर्तव्य है। सन 1857 के अमर शहीद बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह की पहली प्रतिमा बल्लभगढ के दशहरा मैदान में स्थापित की जा रही है। मूर्ति को जयपुर से बनवाकर लाया गया है, जो अष्ट धातु से बनी है।
बल्लभगढ़ के आखिरी शासक थे राजा नाहर सिंह
प्रधान सत्यवीर डागर ने बताया कि राजा नाहर सिंह की ऐसी ही अन्य मूर्तियां पलवल और फरीदाबाद में भी स्थापित करवाई जाएंगी। मूर्ति स्थापना से पूर्व समिति की ओर से नगर निगम से जमीन मुहैया करवाने की मांग की गई थी। दशहरा मैदान में जगह मिलने पर मूर्ति की स्थापना करवा दी गई है। सत्यवीर डागर ने कहा कि राजा नाहर सिंह हमारे आखिरी शासक थे और 1857 में अंग्रेजों ने धोखे से उन्हें दिल्ली बुलाकर फांसी दे दी थी। आज उन्हीं की याद में त्रिमूर्ति स्थापित की जा रही है। जल्द ही इसका अनावरण किया जाएगा।
निगम से स्वच्छता पर मांगा सहयोग
प्रधान सत्यवीर डागर ने कहा कि मूर्ति स्थापना स्थल के पास कूड़े का ढेर लगा हुआ है। इस बारे में पहले नगर निगम अधिकारियों से भी सहयोग मांगा गया था, लेकिन कोई सहयोग नहीं किया गया। उनकी मांग है कि 15 अगस्त से पहले मूर्ति स्थापना स्थल के पास से कूड़ा साफ करवाया जाए, ताकि स्वच्छता को बढ़ावा दिया जा सके।