मासूम युवांश की ज़िंदगी की कीमत करोड़ों में अब आस सिर्फ इंसानियत से

मासूम युवांश की ज़िंदगी की कीमत करोड़ों में, अब आस सिर्फ इंसानियत से

हरियाणा

युवांश के लिए एकजुट हुआ हरियाणा: 8 महीने के मासूम की ज़िंदगी बचाने को उठ रहे मदद के हाथ


स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 से पीड़ित है हिसार का 8 महीने का युवांश, इलाज के लिए चाहिए ₹14.50 करोड़ का इंजेक्शन

फतेहाबाद में तैनात कॉन्स्टेबल पिता की अपील पर पुलिस महकमे और समाज ने शुरू किया समर्थन

तीन दिन में 27 लाख जुटे, SP से लेकर विधायक तक ने CM को लिखा पत्र, अब जरूरत है मानवीय संवेदना की राष्ट्रीय लहर

हरियाणा के हिसार जिले के रहने वाले 8 महीने के मासूम युवांश को एक ऐसी बीमारी ने घेर लिया है, जिसे दुनिया की सबसे खतरनाक और दुर्लभ बीमारियों में गिना जाता है — स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 (SMA Type-1)। इस बीमारी का एकमात्र इलाज है ₹14.50 करोड़ का एक इंजेक्शन, जिसका नाम है Zolgensma। यह इंजेक्शन सिर्फ स्विट्जरलैंड के जेनेवा से मिलता है, और दो साल से कम उम्र के बच्चों को ही लगाया जा सकता है।

युवांश के पिता राजेश, हरियाणा पुलिस में कॉन्स्टेबल हैं, वर्तमान में फतेहाबाद की साइबर ब्रांच में तैनात हैं। वे अब सरकारी महकमों से लेकर प्रधानमंत्री तक, हर उस दरवाजे को खटखटा रहे हैं, जो उनके मासूम बेटे की जिंदगी बचा सके।

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“जन्म लिया, लेकिन सामान्य बच्चों जैसा नहीं था…”

राजेश बताते हैं, “9 अक्टूबर 2024 को युवांश का जन्म हुआ। लेकिन जब वह दो महीने का हुआ, तो उसमें सामान्य बच्चों जैसी हलचल नहीं दिख रही थी। पहले डॉक्टर ने कहा कि थोड़ा देर से विकास होगा। लेकिन फिर उसकी छाती में घरघराहट शुरू हो गई। इलाज करवाया, लेकिन कुछ खास असर नहीं हुआ।”

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इसके बाद युवांश को हिसार, फिर पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने SMA की पुष्टि की और बताया कि यह बीमारी रीढ़ की हड्डी में न्यूरॉन्स की कमी से होती है, जिससे शरीर बढ़ना बंद हो जाता है और बच्चा शारीरिक रूप से कमजोर हो जाता है।


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परिवार की आर्थिक हैसियत से बाहर है यह इलाज

कॉन्स्टेबल राजेश ने बताया कि उनके पास तीन एकड़ जमीन है। पत्नी किरण, फतेहाबाद के फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट में क्लर्क हैं। वे कहते हैं — “अगर हम अपनी पूरी संपत्ति भी बेच दें, तब भी ₹14.50 करोड़ नहीं जुटा सकते। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि यह इंजेक्शन समय रहते लग जाए, तो 90% तक रिकवरी संभव है।”

इसी उम्मीद के साथ अब वे ImpactGuru फंडरेजिंग प्लेटफॉर्म की मदद से ऑनलाइन अभियान चला रहे हैं। मात्र तीन दिनों में 27 लाख रुपए इकट्ठे भी हो चुके हैं।


पुलिस महकमा और आम लोग बन रहे साथ

युवांश के इलाज के लिए अब हरियाणा पुलिस का तंत्र भी भावनात्मक रूप से जुड़ गया है

  • कैथल की एसपी आस्था मोदी ने सभी पुलिसकर्मियों से एक दिन का वेतन स्वेच्छा से दान करने की अपील की है।
  • सिरसा के एसपी मयंक गुप्ता ने भी एक दिन की तनख्वाह दान करने को कहा है।
  • आदमपुर से कांग्रेस विधायक चंद्रप्रकाश ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राजकीय मदद की मांग की है।

राजेश ने पीएम मोदी, सीएम नायब सैनी, सलमान खान, सोनू सूद, गौतम अडाणी, और टाटा फाउंडेशन तक से ट्विटर के माध्यम से मदद की अपील की है।

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SMA एक वंशानुगत रोग, सरकार से की यह मांग

राजेश ने अपील की है कि सरकार को जेनेटिक टेस्ट अनिवार्य करना चाहिए, ताकि ऐसी बीमारियों का समय रहते पता चल सके। उन्होंने यह भी कहा कि ₹14.50 करोड़ का इंजेक्शन अगर सरकारी व्यवस्था में निशुल्क या रियायती रूप में मिल सके, तो अनेक मासूम जिंदगियां बच सकती हैं।


मदद का ज़रिया:

राजेश ने युवांश के इलाज के लिए एक बारकोड और अकाउंट डिटेल्स सोशल मीडिया पर जारी की हैं।


यह खबर नहीं, हमारी सामाजिक परीक्षा है

युवांश सिर्फ एक बच्चा नहीं, हर उस परिवार की पीड़ा का प्रतीक है, जो आर्थिक कमजोरी के कारण जीवन और मृत्यु के बीच झूलता है। यह मामला सिस्टम, समाज और सरकार — तीनों से एकजुट होकर सही समय पर, सही मदद पहुंचाने की पुकार है।