हरियाणा के यमुनानगर में 800 मेगावाट क्षमता वाले नए दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट का निर्माण 57 महीनों में पूरा होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड को निर्माण के लिए 6900 करोड़ रुपये का टेंडर अलॉट कर दिया है। सीएम ने यह मंजूरी हाई पावर वर्कर्स परचेज कमेटी की मीटिंग में दी। इस मीटिंग में सूबे के बिजली मंत्री रणजीत सिंह भी मौजूद रहे।
इस प्लांट में अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट लगेगी। जबकि अभी तक सब-क्रिटिकल यूनिट लगी हुई हैं। यह पहले लगी यूनिट से 8 प्रतिशत ज्यादा क्षमता की हैं। इसमें कोयले की खपत कम होगी और बिजली सस्ती बनेगी। इस परियोजना से हरियाणा के नागरिकों के लिए निर्बाध बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। साथ ही प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए सभी उपकरण लगाने का प्रावधान किया गया है। दीनबंधु सर छोटूराम थर्मल प्लांट के अंदर लगने वाली 800 मेगावाट की नई यूनिट मेक इन इंडिया की तर्ज पर होगी यानी प्लांट पूर्णरूप से स्वदेशी होगा।
मौजूदा समय में 300-300 मेगावाट की जो इकाई लगी हैं, उसमें चाइना से निर्मित मशीनों का उपयोग हो रहा है। किंतु नई यूनिट की मशीनें स्वदेशी और आधुनिक होंगी। यह अपने आप में प्रदेश का पहला ऐसा प्लांट होगा। 800 मेगावाट की नई यूनिट में जहां नई तकनीक होगी, वहीं ढेरों खूबियां भी होंगी। सबसे खास बात यह रहेगी कि इसकी चिमनियां व कूलिंग टावर छोटे होंगे। इस कारण तेजी से बिजली बनेगी और प्रदूषण भी कम होगा। इसके लिए 400 केवी लाइन अलग से बिछाई जाएगी। इसमें बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। केंद्र सरकार ने हाल ही में झारखंड की बजाय यमुनानगर में इस 800 मेगावाट प्लांट को लगाने की अनुमति दी है। ऐसे में नया प्लांट लगने से जिले से 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।