हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला की आत्मिक शांति के लिए आयोजित श्रद्धांजलि सभा में एक ऐतिहासिक मोड़ आया। गांव चौटाला के चौ. साहिबराम स्टेडियम में आयोजित इस सभा ने न केवल राजनीतिक हस्तियों को एकत्र किया, बल्कि उनके योगदान और संघर्ष की अनगिनत कहानियों को भी उजागर किया।
सभा में सर्वधर्म पूजा के दौरान, तलवंडी साबो से आए जत्थेदार जगतार सिंह ने अभय चौटाला को सिरोपा भेंट किया, जबकि मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि अब्दुल रशिद खान ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सभा में शामिल नेताओं ने अभय चौटाला को स्वर्गीय ओमप्रकाश चौटाला की विरासत को संभालने और उनके कार्यों को आगे बढ़ाने का आशीर्वाद दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय जैसे प्रमुख नेताओं ने शोक संदेश भेजे। मोदी ने चौटाला को “अनुभवी राजनेता और कुशल प्रशासक” करार दिया, वहीं राज्यपाल ने उन्हें “महान व्यक्ति” की संज्ञा दी। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने उन्हें एक “जिंदादिल इंसान” के रूप में याद किया, जो हमेशा वंचितों और गरीबों के लिए आवाज उठाते थे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला का जीवन संघर्ष का प्रतीक था और उनके मार्गदर्शन में हरियाणा को नई दिशा मिली। अभय सिंह चौटाला ने शोकसभा में भावुक शब्दों में अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जाना परिवार, पार्टी और राजनीति में एक “अपूर्णीय शून्य” छोड़ गया है। चौटाला के योगदान और उनकी कार्यशैली ने हरियाणा को विकास की नई दिशा दी, और उनका जाना एक गहरी खोई हुई विरासत का प्रतीक बन गया।