हरियाणा सरकार ने हिसार जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) प्रदीप नरवाल को रिटायरमेंट से महज चार दिन पहले निलंबित कर दिया है। उन पर प्राइवेट स्कूलों से मान्यता देने के बदले रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप था। खासतौर पर, जब एक RSS नेता द्वारा रिश्वत देने से इनकार किया गया, तो उन्होंने उस स्कूल की रिपोर्ट में हेरफेर कर दी, जिससे मामला तूल पकड़ गया।
12 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप, RSS से जुड़े स्कूल से ठनी
मुख्यमंत्री नायब सैनी तक यह मामला तब पहुंचा जब प्राइवेट स्कूलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई। आरोप था कि DEO नरवाल प्रत्येक स्कूल से मान्यता देने के एवज में 12 लाख रुपए की मांग कर रहे थे। मामला तब गंभीर हो गया जब RSS से जुड़े एक स्कूल के संचालक ने पैसे देने से इनकार किया, जिसके बाद स्कूल की मान्यता पर सवाल उठाए गए।

रिश्वत नहीं दी तो 29 कमरों के स्कूल को 18 कमरों का बताया
शिकायत के मुताबिक, प्राइवेट स्कूल ने 12वीं तक मान्यता के लिए आवेदन किया था और सभी आवश्यक मापदंड पूरे किए थे। नियमों के अनुसार, मान्यता के लिए स्कूल में कम से कम 22 कमरे होने चाहिए, जबकि उक्त स्कूल में 29 कमरे थे। लेकिन DEO ने स्कूल का निरीक्षण तय तारीख से एक दिन पहले कर लिया और कागजों में स्कूल को सिर्फ 18 कमरों का दिखाकर मान्यता देने से इनकार कर दिया।
ऑडियो में कैद हुई रिश्वतखोरी, मुख्यमंत्री ने 48 घंटे में लिया एक्शन
बताया जाता है कि प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सौंपी, जिसमें DEO को रिश्वत मांगते सुना गया। दिलचस्प बात यह थी कि जिस स्कूल संचालक की यह ऑडियो थी, उसने भी DEO को रिश्वत दी थी। ऑडियो मिलते ही मुख्यमंत्री सैनी ने 48 घंटे के अंदर DEO प्रदीप नरवाल को सस्पेंड कर विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए।