हरियाणा के नूंह जिले में 27 और 28 फरवरी को हुए पेपर लीक कांड के बाद प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। सख्ती इतनी बढ़ा दी गई कि सोमवार को हुई 10वीं कक्षा की परीक्षा में पुलिस छतों पर तैनात नजर आई और ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई। जिला प्रशासन ने परीक्षा केंद्रों के 500 मीटर के दायरे में बाहरी व्यक्तियों की आवाजाही और फोटोस्टेट मशीनों के संचालन पर रोक लगा दी।
पेपर लीक के बाद प्रशासन का सख्त एक्शन
पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री ने 32 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था, जिसमें चार डीएसपी समेत 25 पुलिसकर्मी शामिल थे। इससे सबक लेते हुए प्रशासन ने इस बार परीक्षा में सुरक्षा को लेकर बेहद कड़े इंतजाम किए। परीक्षा केंद्रों पर 1,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए, जिनमें हरियाणा कमांडो फोर्स भी शामिल रही।
फर्जी छात्रों का पर्दाफाश
सख्ती के बावजूद नकल माफिया के नए हथकंडे सामने आए। नूंह के एक स्कूल में बने परीक्षा केंद्र से 34 फर्जी स्टूडेंट्स पकड़े गए, जो असली परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा देने आए थे। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी को पुलिस के हवाले कर दिया।
डीसी का कड़ा संदेश
नूंह के उपायुक्त (डीसी) विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि अगर इस फर्जीवाड़े में किसी स्कूल की संलिप्तता पाई गई, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने साफ किया कि प्रशासन परीक्षा की पवित्रता बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
परीक्षा केंद्रों पर हाई अलर्ट
नकल रोकने के लिए प्रशासन ने 36 ड्यूटी मजिस्ट्रेट और नोडल अधिकारी नियुक्त किए। परीक्षा केंद्रों के अंदर शिक्षा विभाग की निगरानी थी, जबकि बाहर पुलिस और प्रशासन मुस्तैद रहा। इस बार किसी भी परीक्षा केंद्र से नकल या असामाजिक तत्वों की कोई शिकायत सामने नहीं आई, जो प्रशासन की सख्ती का नतीजा है।