हरियाणा के सोनीपत जिले में कृषि विभाग की टीम ने विभिन्न स्थानों पर स्थित बीज मार्किट में विशेष छापेमारी अभियान चलाकर खाद व दवाइयों के सैम्पल लिए है। विभाग द्वारा लिए गए 35 सैम्पलों को जांच के लिए लैब में भेज दिया गया है। लैब रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कम गुणवत्ता पाए जाने पर विक्रेता का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
रबी सीजन अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। किसानों ने गेहूं, सरसों आदि की सिंचाई की है। जिसके बाद खाद के छिडकाव का काम किया जाता है ताकि पैदावार बेहतर हो सके। ऐसे में खाद और दवाइयों की डिमांड बढ़ गई है। डिमांड बढने से कई बार विक्रेता किसानों को कम गुणवत्ता की खाद या दवाई देकर मुनाफा कमाने के ताक में रहता है। किसानों को बेहतर गुणवत्ता के खाद, बीज व दवाइयां प्राप्त हो, इसके लिए कृषि विभाग ने विशेष छापेमारी अभियान चलाया है। जिसके अंतर्गत खाद व दवाइयों के सैम्पल लिए गए है।

रबी सीजन में किसानों द्वारा इस बार लगभग 1 लाख 50 हजार हैक्टेयर भूमि में गेहूं की बिजाई की है। इसके अतिरिक्त 5 हजार हैक्टेयर भूमि में सरसों की बिजाई की गई है। फरवरी माह में करीब 10 हजार एमटी खाद की डिमांड रहती है। सोनीपत जिले में लगभग 400 खाद विक्रेताओं के पास लाइसेंस है। ऐसे में कृषि विभाग ने विशेष रणनीति तैयार करके अधिक से अधिक सैम्पल लेने का फैसला किया है ताकि किसानों को बेहतर गुणवत्ता का खाद, बीज व दवाइयां उपलब्ध हो सके।
विभाग ने किसानों से किया आह्वान, पक्के बिल पर करे खरीददारी
गत खरीफ सीजन में जिले के कई क्षेत्रों से बीज में मिलावट की शिकायतें सामने आई थी। कई कम्पनियों से किसानों को मुआवजा भी कृषि विभाग दिलवाने में कामयाब रहा था। ऐसे में कृषि विभाग ने किसानों का आह्वान किया है कि जब भी किसी भी डीलर से खाद, बीज या दवाइयां खरीदे तो पक्का बिल अवश्य ले, ताकि अगर गुणवत्ता में कमी पाई जाए तो कार्रवाई की जा सके।