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Haryana : गृह मंत्री Anil Vij ने किया बड़ा ऐलान, बोलें रेवाड़ी में एम्स नवंबर 2025 में चालू होने की उम्मीद, Chiranjeev Rao ने सरकार को एम्स पर घेरा

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हरियाणा के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री अनिल विज ने कहा कि जिला रेवाड़ी में प्रधानमंत्री द्वारा 16 फरवरी 2024 को एक समारोह में चिन्हित स्थल पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का शिलान्यास किया गया है। एम्स की स्थापना 1646 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत पर की जा रही है। उन्होंने बताया कि एम्स के नवंबर 2025 तक चालू होने की उम्मीद है। अनिल विज वीरवार को हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के संबंध में बोल रहे थे।

इससे पहले विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान विधायक चिरंजीव राव ने भालकी माजरा में एम्स के मुद्दे को उठाया। विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि एम्स की घोषणा वर्ष 2015 में हुई थी। भले ही 9 वर्ष बाद शिलान्यास हुआ, लेकिन हम चाहते हैं कि अब यह जल्दी बने। यहां पर ओपीडी और एमबीबीएस की कक्षाएं जल्द शुरू हो। विधायक ने बताया कि केंद्र सरकार के अग्रिम बजट में हमारे एम्स के लिए 300 करोड़ रूपये ही आंवटित हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कैग की रिपोर्ट में आया है कि कोई भी एम्स बनने के लिए कम से कम 3000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी, लेकिन सरकार द्वारा एम्स के लिए जो बजट दिया है, इस हिसाब से एम्स बनने में 10 वर्ष लग जाएंगे। यह केवल मात्र चुनावी जुमला नजर आ रहा है।

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वहीं अनिल विज ने कहा कि भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करने और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा के लिए सुविधाओं को बढ़ाने के इरादे से विभिन्न राज्यों में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने 04-07-2015 को जिला रेवाड़ी के बावल में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए रेवाड़ी के गांव मनेठी में एम्स की स्थापना के संबंध में घोषणा की। एम्स स्थापित करने के प्रस्ताव में हरियाणा राज्य को शामिल करने और प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत गांव मनेठी में एम्स स्थापित करने पर विचार करने के लिए मामला केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के समक्ष उठाया गया था। राज्य सरकार ने एम्स की स्थापना के लिए गांव मनेठी में लगभग 200 एकड़ भूमि चिन्हित की थी। ग्राम पंचायत मनेठी को एम्स की स्थापना के लिए 224 एकड़ 7 कनाल 7 मरला पंचायत भूमि 99 साल के लिए पट्टे पर देनी थी। उक्त पंचायत भूमि अरावली वृक्षारोपण क्षेत्र में पाई गई। जिस पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की वन सलाहकार समिति (एफएसी) ने प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी।

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इसके बाद हरियाणा सरकार ने किसी अन्य उपयुक्त भूमि पर एम्स स्थापित करने का विकल्प खोजा और मांग को चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग द्वारा हरियाणा सरकार के ई-भूमि पोर्टल पर अपलोड किया गया। ई-भूमि पोर्टल फरवरी 2020 में खोला गया था। गांव माजरा मुस्तिल भालखी से कुल 347.49 एकड़ भूमि की पेशकश की गई थी। उन्होंने कहा कि ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से गांव माजरा मुस्तल भालखी रेवाड़ी में कुल 210 एकड़ 3 कनाल 5 मरला भूमि की पहचान की गई है। इसमें से 149 एकड़ 4 कनाल 14 मरला जमीन निजी मालिकों की है और 60 एकड़ 6 कनाल 11 मरला ग्राम पंचायत की जमीन है। ग्राम पंचायत की जमीन सहित पूरी जमीन 40 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से खरीदी गई है।

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अनिल विज ने बताया कि मंत्री परिषद ने अपनी 1 दिसंबर 2022 की बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को 1 रूपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष के हिसाब से 99 वर्षों के लिए भूमि पट्टे पर देने की मंजूरी दी थी। राज्य सरकार के शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच 203 एकड़ 3 कनाल 19 मरला भूमि की लीज डीड निष्पादित की गई है। साथ ही बाधा मुक्त भूमि का कब्जा सौंप दिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच 6 दिसंबर 2023 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 28 नवंबर 2022 के पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि नए एम्स की स्थापना के लिए एचआईटीईएस को कार्यकारी एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। एचआईटीईएस द्वारा 30 दिसंबर 2023 के पत्र के माध्यम से निर्माण कार्य मेसर्स लार्सन एंड टुब्रो टुब्रो को आवंटित किया गया है।