➤अजय चौटाला ने कहा, INLD में वापसी का चैप्टर पिता ओपी चौटाला के निधन के साथ खत्म हो गया।
➤2019 में नैना चौटाला की बजाय दुष्यंत को उपमुख्यमंत्री बनवाने के पीछे ओपी चौटाला की मंशा थी।
➤अभय चौटाला पर निशाना, बोले—जयचंद की भूमिका निभाई, पगड़ी रस्म में भी नहीं बुलाया।
नई दिल्ली/चंडीगढ़ — जननायक जनता पार्टी (JJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला ने एक निजी समाचार चैनल से बातचीत के दौरान बड़ा राजनीतिक बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) में वापसी का चैप्टर उनके पिता ओमप्रकाश चौटाला (ओपी चौटाला) के निधन के साथ ही समाप्त हो गया है। इस बयान के साथ ही चौटाला परिवार के फिर से एकजुट होने की अटकलों पर विराम लगता दिख रहा है।
अजय चौटाला ने कहा, “एक होने की संभावनाएं तभी तक थीं जब तक पिता जीवित थे। अब यह मुमकिन नहीं है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 2019 में जब भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनी थी, तो नैना चौटाला को डिप्टी सीएम बनाए जाने की योजना थी, लेकिन ओपी चौटाला के निर्देश पर दुष्यंत चौटाला को यह पद सौंपा गया।
बातचीत में अजय चौटाला ने INLD से अपने निष्कासन की कहानी भी साझा की। उन्होंने कहा कि उस समय वे जेल में थे और उन्हें ओपी चौटाला को इस निर्णय की कोई जानकारी नहीं थी। अजय के अनुसार, “तीसरे दिन मेरे निष्कासन पर उनसे साइन करवाए गए।” इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि पार्टी के भीतर उस समय किस तरह की अंदरूनी राजनीति चल रही थी।

अभय चौटाला पर सीधा हमला
अजय चौटाला ने अपने छोटे भाई अभय चौटाला पर भी सीधा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि अभय ने उन्हें ओपी चौटाला की रस्म ‘पगड़ी’ में आमंत्रित नहीं किया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि, “मुझे नहीं बुलाया तो कम से कम चाचा रणजीत सिंह को तो बुला सकते थे।”
इतना ही नहीं, अजय ने कहा कि अभय ने पार्टी में रहते हुए उनके खिलाफ साजिश की और ‘जयचंद’ की भूमिका निभाई। उन्होंने भावुक अंदाज़ में कहा, “मेरे खून में न गद्दारी है, न मैंने गद्दारी की। लेकिन अभय ने मेरे जेल में रहते यह भूमिका निभाई।”
INLD से अलग होने की मजबूरी
अजय चौटाला ने INLD से अलग होकर JJP की स्थापना को भी एक मजबूरी बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी में उन्हें और उनके समर्थकों को तंग और प्रताड़ित किया जा रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि अशोक अरोड़ा (उस समय के प्रदेशाध्यक्ष), रामपाल माजरा सहित कई नेताओं ने पार्टी को तोड़ने में अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने याद दिलाया कि जिस गोहाना रैली के बाद दुष्यंत और दिग्विजय को INLD से निकाला गया, उसमें “दुष्यंत को मुख्यमंत्री बनाने” के नारे उछाले गए थे। यही वह क्षण था जब पार्टी में फूट पड़ी। 2019 के चुनाव में JJP ने 10 सीटें जीत कर अपनी पहचान बनाई, जबकि INLD सिर्फ एक सीट पर सिमट कर रह गई।
पोस्टर विवाद और कटाक्ष
अजय चौटाला ने एक दिलचस्प खुलासा किया कि उन्होंने पार्टी के पोस्टरों पर ओपी चौटाला की तस्वीर लगाई थी। इस पर अभय चौटाला ने प्रतिक्रिया दी थी—”अगर ऐसा करोगे तो मेरे पैर में जूता है।” अजय ने तंज कसते हुए कहा, “अब कहां है वह जूता?”
परिवार की तस्वीर में वर्तमान राजनीतिक समीकरण
उन्होंने एक पारिवारिक फोटो का ज़िक्र भी किया, जिसमें दिग्विजय चौटाला, उनकी पत्नी लगन, नैना चौटाला, खुद अजय, बेटे दुष्यंत और बहू मेघना शामिल हैं। यह फोटो दर्शाती है कि JJP गुट में परिवार का एक धड़ा एकजुट है, जबकि अभय चौटाला अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं।