गुजरात के जामनगर में बुधवार रात भारतीय वायुसेना का जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें हरियाणा के रेवाड़ी जिले के फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए। 28 वर्षीय सिद्धार्थ ने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने साथी को इजेक्ट कराया और विमान को घनी आबादी से दूर खुले क्षेत्र की ओर मोड़ दिया। उनकी इस वीरता से कई लोगों की जान बच गई।
परिवार में मातम, कुछ दिन पहले हुई थी सगाई
सिद्धार्थ की 23 मार्च को सगाई हुई थी और 2 नवंबर को उनकी शादी तय थी। 31 मार्च को वह रेवाड़ी स्थित अपने घर से ड्यूटी पर लौटे थे। हादसे की खबर से पूरा परिवार और क्षेत्र शोक में डूब गया।
पीढ़ियों से सेना में सेवा, देश के लिए दिया बलिदान
सिद्धार्थ के परदादा ब्रिटिश काल में बंगाल इंजीनियर्स में थे, दादा पैरामिलिट्री में रहे, और पिता भारतीय वायुसेना में सेवाएं दे चुके हैं। सिद्धार्थ इस सैन्य परंपरा की चौथी पीढ़ी थे। उन्होंने 2016 में NDA की परीक्षा पास की और तीन साल के कड़े प्रशिक्षण के बाद फाइटर पायलट बने। उनकी बहादुरी पर पूरे देश को गर्व है।
कैसे हुआ हादसा
बुधवार रात करीब 9:30 बजे जामनगर एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरने के बाद तकनीकी खराबी के चलते जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सिद्धार्थ ने विमान को आबादी से दूर ले जाकर अपने साथी को सुरक्षित बाहर निकाला, लेकिन खुद देश के लिए बलिदान हो गए।