Dayal Singh Public School Panipat

Panipat : दयाल सिंह पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास से मनाया 5वां वार्षिक उत्सव, विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बांधा समा

पानीपत बड़ी ख़बर हरियाणा

हरियाणा के जिला पानीपत के सेक्टर 13-17 स्थित दयाल सिंह पब्लिक स्कूल में 5वां वार्षिक उत्सव धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस मौके पर मुख्यातिथि के रूप में पीरामल एंटर प्राइजेज लिमिटेड के समूह निर्देशक एवं सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कमांडर हरिंद्र सिंह सिक्का ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता दयाल सिंह पब्लिक स्कूल के चेयरमैन एवं दयाल सिंह कॉलेज ट्रस्ट सोसायटी के ओनरेरी सेक्रेटरी रिटायर्ड वाइस एडमिरल सतीश सोनी ने की। प्रधानाचार्या डॉ. विनीता कुमार तोमर ने स्टाफ सदस्यों के साथ स्कूल पहुंचने पर सभी अतिथियों का स्वागत किया।

तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलन करके किया। विद्यार्थियों ने श्री गणेश और सरस्वती वंदना के साथ रंगारंग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत की। उद्घाटन के बाद प्रधानाचार्या डॉ. विनीता कुमार तोमर ने बताया कि वार्षिक उत्सव एक ऐसा महान उत्सव है, जिसमें विद्यार्थियों को इस बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता हैं। पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भाग लेकर बच्चों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है। स्कूल के विद्यार्थियों ने मुख्यातिथि का साक्षात्कार लिया। उनके व्यक्तिगत जीवन, नेतृत्व भावना, राष्ट्रीय एकता, भारतीय जल सेना को समर्पित जीवन तथा उनकी राजी तथा नानक शाह फकीर फिल्मों से संबंधित प्रश्न पूछे, जिसके उन्होंने बड़ी शालीनता से उत्तर दिए।

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शांत रस में सिद्धार्थ के गौतम बुद्ध बनने के परिदृश्य को किया प्रस्तुत

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इस मौके पर स्कूल की छात्रा गीताली शर्मा और छात्र हनु वर्मा ने विद्यालय की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। मंच संचालन ध्विजा, हर्ष, पलक, वेदिका, दिव्या, कीरत, सानवी, शब्द, दीया और सुकृति ने किया। इस दौरान ‘नवरस’ शीर्षक रंगारंग कार्यक्रम में रसों की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान में इनके महत्व के परिदृश्य को दिखाया गया।

विद्यार्थियों ने शांत रस के माध्यम से सिद्धार्थ के गौतम बुद्ध बनने के परिदृश्य को प्रस्तुत किया। यह भी दिखाने का प्रयास किया गया कि विश्व में शांति की स्थापना, दया, त्याग और परोपकार की भावना के लिए महात्मा बुद्ध के आदर्शां पर चलने की आवश्यकता है। वीर रस के माध्यम से देवी दुर्गा द्वारा रक्तबीज के संहार और मानवजाति के उत्थान की प्रस्तुति ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।

कव्वाली और अभिनय से तनाव भरी जिंदगी को रसपूर्ण बनाने का दिया संदेश

छात्र-छात्राओं ने वीभत्स रस में नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से अपनी प्रतिभा दिखाई। जिसमें कलिंग युद्ध में लाशों को देखकर अशोक के मन में ग्लानि का भाव उत्पन्न हुआ। हास्य रस से परिपूर्ण कव्वाली और अभिनय के माध्यम से तनाव भरी जि़ंदगी को रसपूर्ण बनाने का संदेश दिया गया। साथ ही यह दर्शाया गया कि जीवन वही है जो हंसी-खुशी में व्यतीत किया जाए। अद्भुत रस के माध्यम विश्व प्रसिद्ध अद्भुत नृत्य और उड़ीसा के भगवान जगन्नाथ जी की पालकी निकाल विद्यार्थियों ने भक्ति से ओत-प्रोत भावों को प्रस्तुत किया।

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करण रस के माध्यम से दिया देशभक्ति का परिचय

इनके अलावा छात्र-छात्राओं ने करूण रस के माध्यम से देशभक्ति के परिचय से अवगत कराया। कैसे भारतीय सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। वह परिवार से अधिक देश को महत्व देते हैं, लेकिन जब वह वीर देश के लिए शहीद हो जाते हैं तो समस्त देशवासियों का मन करूणा से भर जाता है। वहीं भयानक रस के माध्यम से विद्यार्थियों ने प्रकृति बखान किया। इस प्रस्तुति में दर्शाया गया कि मनुष्य प्रकृति का दोहन कर रहा है, जिसके कारण केदारनाथ में त्रासदी आई।

रौद्र रस में शिव-सती के प्रेम और शिव-तांडव ने बजवाई दर्शकों की तालियां

रौद्र रस की नाट्य प्रस्तुति और नृत्य के माध्यम से शिव-सती के प्रेम और शिव-तांडव ने उपस्थित जन को तालियां बजाने पर विवश कर दिया। विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति में दिखाया कि राधा-कृष्ण का प्रेम संसार में अद्वितीय है। श्रृंगार रस की नृत्य प्रस्तुति के माध्यम से राधा-कृष्ण प्रेम और ब्रज के महारास को दर्शाया गया। इस नृत्य प्रस्तुति के साथ ही नवरस शीर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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शिक्षा एवं खेल क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करने वाले विद्यार्थी पुरस्कृत

इस मौके पर मुख्यातिथि सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कमांडर हरिंद्र सिंह सिक्का ने शिक्षा एवं खेल क्षेत्र में जिला स्तर और राज्य स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। उन्होंने वार्षिक उत्सव के दौरान उपस्थित जन को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय का यह मंच विद्याथियों की छिपी हुई प्रतिभा को उजागर करने के लिए एक बड़ा मंच है। यह गतिविधियां बच्चों की प्रतिभा को निखारकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाती हैं। विद्यालय के इस मंच पर बच्चों का इतनी अधिक संख्या में भाग लेना स्कूल के सकारात्मक पहलू को दर्शाता है।

उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया कि वह अपने सपने अपने बच्चों पर न लादें। उन्हें अनुभव, रुचि और कल्पना के साथ भविष्य की ओर अग्रसर होने दें, ताकि हमारे बच्चे राष्ट्र के विकास एवं शांति में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने प्रधानाचार्या डॉ. विनीता कुमार तोमर पर विश्वास जताते हुए कहा कि जहां तक मैं जानता हूं, वहां तक विद्यालय की प्रधानाचार्या बिल्कुल वैसा ही कार्य कर रही हैं, जैसा बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक है। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि हर बच्चे में एक कला छिपी होती है। हमें उस पर ध्यान देना होगा। बच्चों को भी इस प्रकार की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।

जीवन पत्थर की तरह इसे तराशना हमारा काम : हरिंद्र सिंह सिक्का

मुख्यातिथि हरिंद्र सिंह सिक्का ने विद्यार्थियों को कहा कि जीवन एक पत्थर की तरह है। इसे तराशना हमारा काम है। जिस प्रकार मूर्तिकार की बुद्धि, इच्छा और कौशल मूर्ति को रूप प्रदान करते हैं, उसी प्रकार आपकी इच्छा, बुद्धि और कौशल आपके जीवन का निर्माण करते हैं। विद्यालय की छात्रा सानवी ने सभी अतिथियों, अभिभावकों और कार्यक्रम को सफल बनाने वाले लोगों के लिए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

‘नवरस‘ कार्यक्रम सच में ही रोचक रहा, जिसको विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सुंदर और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। इस प्रदर्शन के पीछे अध्यापकों और विद्यार्थियों का कठोर परिश्रम दृष्टिगोचर हुआ। इस अवसर पर दयाल सिंह कॉलेज ट्रस्ट सोसायटी के मैनेजर, पूर्व मैनेजर, दयाल सिंह पब्लिक स्कूल की तीनों शाखाओं की प्रधानाचार्या एवं मुख्याध्यापिकाएं, दयाल सिंह कॉलेज करनाल की प्राचार्या, स्कूल मैनेजमेंट के अधिकारी, शहर के कई गणमान्य व्यक्ति, अभिभावक, अध्यापक और स्कूल के सभी छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।