Ansal and TDI builders accused of releasing sewerage water in Panipat, NGT orders investigation

Panipat में Ansal व TDI बिल्डर्स पर सीवरेज पानी छोड़ने का आरोप, NGT ने दिए जांच के आदेश

पानीपत बड़ी ख़बर हरियाणा

हरियाणा के पानीपत शहर में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अंसल व टीडीआई सिटी पर सीवरेज ट्रीटमेंद प्लांट को लेकर बड़ा एकशन लिया है। एनजीटी के चेयरमैन ने दोनों रियल एस्टेट के दूषित पानी जांच करने के लिए एक कमेटी का गठन करने के निर्देश दिए है। कमेटी को एक मई तक एनजीटी मे अपनी रिपोर्ट देना होगी। दोनों पर आरोप हैं कि एसटीपी नियमित रुप से नहीं चल रहे। आरोप है कि अंसल का सीवरेज एचएसवीपी के सीवर से कनेक्ट किया गया है। जबकि टीडीआई सिटी का एसटीपी वर्किंग में नहीं है। यहां दूषित पानी रेल लाइन या ड्रेन में छोड़ा जा रहा है। जिससे यमुना प्रदूषित हो रही है।

इसके अलावा दोनों पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की सीवरेज पाइप लाइन को पक्चंर कर उसमें पानी छोड़ने का आरोप है। इन आरोपों के चलते ही नंवबर 2022 को दोनों सिटी को प्रशासने की ओर से क्लोजर नोटिस भी जारी किया गया था। प्रशासन की ओर से दोनों सिटी पर कार्रवाई नहीं की गई तो पर्यावरणविद वरुण गुलाटी ने इनके खिलाफ एनजीटी का दरवाजा खटखटाया। यहां लगभग छह महीने से चल सुनवाई के बाद एनजीटी ने कमेटी बनाने के आदेश जारी किए है। एनजीटी के चेयरमैन प्रकाश श्रीवास्तव ने आदेशों में हरियाणा प्रदूषण बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव व पानीपत उपायुक्त के रुप में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। ये कमेटी दोनों स्थानों पर एसटीपी समेत तमाम पहलुओं की जांच करेगी। इनकी रिपोर्ट तैयार कर एक मई तक एनजीटी को सौंपनी होगी।

सीवर में पंक्चर कर लाइन जोड़ने के आरोप

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जून 2022 में अंसल सुशांत सिटी ने एचएसवीपी की सीवरेज पाइप लाइन को पंक्चर कर इनमें अपनी लाइन जोड़ दी थी। इसके लिए एचएसवीपी से भी अनुमति नहीं ली गई थी। सितंबर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने टीडीआई व अंसल सुशांत सिटी का निरीक्षण किया तो दोनों के एसटीपी बंद मिले। यहां सवाल उठा कि दोनों सिटी से निकलने वाला 20 हजार एमएलडी पानी कहां जाता है। आरोप लगे कि अंसल व टीडीआई अपने पानी को बिना ट्रीट किए यमुना में छोड़ रहे हैं। दोनों सिटी के पास कंसटेंट टू ऑपरेट सर्टिफिकेट भी नहीं है।

जांच के बाद उपायुक्त ने दोनों सिटी पर कड़ी पाबंदी लगा दी थी। यहां रजिस्ट्री व बिजली के नए कनेक्शन भी बंद कर दिए गए थे। बावजूद इसके चोरी छुपे यहां रजिस्ट्री भी होती रही और बिजली के नए कनेक्शन भी मिलते रहे। नवंबर 2022 में दोनों सिटी को प्रशासन की ओर से क्लोजर नोटिस जारी किए गए लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अक्टूबर 2023 में पर्यावरणविद वरुण गुलाटी इस मामले को लेकर एनजीटी में पहुंच गए। यहां उन्होंने अंसल व टीडीआई पर यमुना को प्रदूषित करने व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए सबूत भी सौंपे।