साध्वी यौन शौषण, पत्रकार रणजीत छत्रपति और पूर्व डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड के मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर 21 दिन की जेल से छुट्टी मिल गई है। राम रहीम को जेल से छुट्टी मिलने पर दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और न्यायिक व्यवस्था से सरकारी तंत्र का खिलवाड़ बताया है।
अंशुल ने कहा कि राम रहीम को बार-बार जेल से छुट्टी देना सरकारी तंत्र का न्यायिक व्यवस्था से खिलवाड़ है। अंशुल ने कहा कि सरकारी तंत्र सजा के बाद भी कानून में बदलाव करके एक बलात्कारी और कातिल को वीआईपी ट्रीटमेंट दे रहा है जोकि शर्मनाक है। अंशुल ने कहा कि हर बार यही कहा जाता है कि पैरोल कानून के तहत दी जा रही है, तो देश में ऐसे बहुत से मामले है जहां लोग सालों से सलाखों के पीछे बंद है लेकिन उन्हें ये सुविधा नहीं दी जाती। अंशुल ने कहा कि गुरमीत राम रहीम पहले भी अपने धन, बल और प्रभाव का इस्तेमाल करके व्यवस्था को चलाता था और जेल के बाद भी वो सिलसिला जारी है।
अंशुल छत्रपति के वकीन ने बी जताई नाराजगी
अंशुल छत्रपति के वकील लेख राज ढोट ने भी राम रहीम की फरलो को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने राम रहीम को 4 केसों में सजा सुनाई है। राम रहीम को बार-बार पैरोल देना गलत है। अपने वोटों को लोभ के चलते राम रहीम को बार-बार पैरोल दी जा रही है। राम रहीम हार्टकोर क्रिमिनल है, इसलिअ उसे कानून के हिसाब से छूट नहीं देनी चाहिए। सरकार पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने की बजाए मरहम लगाए।