Sonipat में एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी ने 62,000 रुपये की रिश्वत की डिमांड की थी और एक दिन पहले 5,000 रुपये का एडवांस भी लिया था।
आरोपी रौशन खुद को बिजली विभाग का जूनियर इंजीनियर (जेई) बताकर किसानों से रिश्वत मांग रहा था। फिलहाल, आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा और इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
आरोपी रौशन गाँव थाना कलां में हाई टेंशन तारों के मुआवजे के चेक वितरित करने के नाम पर किसान अनिल से 62,000 रुपये की रिश्वत मांग रहा था। रौशन ने पहले ही 5,000 रुपये एडवांस ले लिए थे और शेष राशि लेने के लिए आज किसान अनिल के घर पहुंचा था। तभी विजिलेंस की टीम ने दबिश देकर उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
बिजली विभाग से जुड़ा मामला
सोनीपत के खरखोदा में मारुति प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है और इसके लिए कई गांवों के खेतों से हाई टेंशन लाइन बिछाई जा रही है। इस दौरान किसानों की ज़मीन पर हाई टेंशन टावर लगाए गए हैं, जिसके बदले हरियाणा बिजली विभाग किसानों को मुआवजे के चेक जारी कर रहा है।
आरोपी रौशन आर एस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट कंपनी में सुपरवाइजर के पास काम करता था और इसी कंपनी के माध्यम से बिजली की तार लाइन बिछाने का काम हो रहा था। रौशन ने खुद को बिजली विभाग का सरकारी जेई बताकर किसान अनिल से मुआवजे का चेक देने के एवज में रिश्वत की डिमांड की थी। किसान अनिल के बेटे शुभम ने इस मामले की शिकायत विजिलेंस विभाग से की, जिसने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया।
जांच जारी
विजिलेंस विभाग अब इस मामले की गहनता से जांच कर रहा है और इस बात का भी संदेह है कि आरोपी ने अन्य किसानों से भी रिश्वत ली हो सकती है। विभाग अन्य किसानों से पूछताछ कर रहा है और मामले की विस्तार से जांच की जा रही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम
यह मामला इस बात की ओर इशारा करता है कि सरकारी विभागों में अभी भी भ्रष्टाचार की समस्या मौजूद है, और कई बार निजी कंपनियां भी सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर किसानों और आम लोगों को परेशान करती हैं। सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है।