पंजाब सशस्त्र पुलिस के एक उपाधीक्षक को सोमवार को संदिग्ध हालात में मृत पाया गया। सोमवार को जालंधर में जैसै ही इस बात की जानकारी मिली, वैसे ही हड़कंप मच गया। पुलिस ने जानकारी दी है कि डीएसपी दलबीर सिंह के शरीर पर चोट के निशान थे और उनका शव जालंधर के बस्ती बावा खेल में एक सड़क पर पड़ा मिला था। वह इसी इलाके में तैनात थे। जालंधर के पुलिस आयुक्त स्वपन शर्मा ने कहा दलबीर सिंह का एक पैर कुचला हुआ मिला। इस मामले की जांच कर रहे हैं।
पुलिस आयुक्त के मुताबिक जहां दलबीर सिंह का शव मिला वह सड़क कपूरथला स्थित उनके गांव तक जाती है। घटनास्थल उनके गांव से करीब 8 किलोमीटर दूर है। पुलिस ने कहा कि दलबीर सिंह के परिवार ने इस मामले मे शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस के अनुसार डीएसपी पिछले महीने जालंधर में एक अन्य इलाके के लोगों के साथ लड़ाई में शामिल था। हालांकि, इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया क्योंकि दोनों पक्षों में समझौता हो गया। दलबीर सिंह पहले एक भारोतोलक थे। उन्हें वर्ष 2000 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
पीएपी ट्रेनिंग सेंटर पर थे तैनात
मृतक डीएसपी दलबीर सिंह देओल संगरुर के गांव लद्धा कोठी का रहने वाले थे और वह पीएपी ट्रेनिंग सेंटर में तैनात था। जाइंट सीपी संदीप शर्मी ने बताया कि जांच के दौरान मामला एक्सीडेंट का लग रहा है और डीएसपी दलबीर सिंह पैदल ही कहीं जा रहे थे। उस दौरान किसी वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी और उनका सिर किसी चीज से टकरा गया। सिर पर चोट लगने के कारण उनकी मौत हो गई। संदीप शर्मा ने बताया कि घटनास्थल के आस-पास उनकी टीमें सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रही हैं ताकि पता चल सके कि हादसा कैसे हुआ।
पिछले महीने कुछ युवकों के साथ हुआ था जगड़ा
जालंधर से कपूरथला रोड गांव मंड के नजदीक बस्ती इब्राहिम खा में 16 दिंसबर देर रात डीएसपी दलबीर सिंह गोलियां चलाने के मामले में विवादों में रहे थे। डीएसपी देओल कपूरथला रोड गांव मंड के नजदीक इब्राहिम खा के सरपंच भूपिंदर सिंह के पास गए थे। जहां उनकी गांव के युवकों के साथ गाड़ी लगाने को लेकर लड़ाई हो गई थी उस दौरान डीएसपी ने गोलियां चलाई थी। गनीमत ये रही कि गोली किसी को नहीं लगी। गांव वालों ने डीएसपी को बुरी तरह से पीट दिया जिसकी वीडियो इंटरनेट पर खूब वायरल हुई थी और पुलिस ने तब डीएसपी को हिरासत में भी लिया लेकिन राजीनामा होने के बाद छोड़ दिया था।