हरियाणा में अपनी मांगों को लेकर 54 दिनों से हड़ताल कर रही आशा वर्कर्स की मांग पर आज फैसला हो सकता है। सीएम मनोहर लाल के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की अध्यक्षता में आशा वर्कर्स यूनियन और प्रदेश सरकार के बीच समझौते को लेकर मीटिंग होगी। आशा वर्कर्स यूनियन की राज्य महासचिव सुनीता, प्रधान सुरेखा, कोषाध्यक्ष अनीता और उपप्रधान प्रवेश ने बताया कि राज्य की 20 हजार आशा वर्कर्स की हड़ताल अब 54वें दिन में प्रवेश कर चुकी है।
आशा वर्कर्स ये हड़ताल सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, 26 हजार रुपए न्यूनतम वेतनमान करने, इन्सेंटिव में 50 प्रतिशत कटौती की बहाली और ईपीएफ एवं ईएसआई की सुविधा प्रदान कराने के लिए हो रही है। आशा वर्कर्स की मांग है कि रिटायरमेंट की उम्र 65 साल की जाये और रिटायरमेंट पर सम्मान जनक पेंशन व ग्रेच्युटी मिलनी चाहिए।
बात नहीं बनी तो लंबी चलेगी हड़ताल
सरकार के साथ आज होने वाली मीटिंग से एक दिन पहले एनएचएम मिशन महिला एवं बाल स्वास्थ्य निदेशक तथा स्टेट कॉर्डिनेटर के साथ यूनियन के शिष्टमंडल की बातचीत हुई। यूनियन ने इन अधिकारियों के सामने अपनी मांगों के समर्थन में ठोस तथ्य रखे। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि आगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो उनकी हड़ताल अब लंबी चलेगी।
25 सितंबर को कर चुकी जेल भरो आंदोलन
अपनी मांगों को लेकर आशा वर्कर्स 25 सितंबर को जेल भरो आंदोलन कर चुकी हैं। राज्य भर में आशाओं की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने आशा वर्कर्स यूनियन को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। यूनियन की राज्य महासचिव सुनीता और प्रधान सुरेखा ने बताया कि विधानसभा कूच के दौरान भी आशा वर्करों को रास्ते में रोका गया और पंचकूला सहित अनेक जिलों में आशा वर्करों को हिरासत में लिया गया। डराने धमकाने के तमाम प्रयासों के बावजूद आशा वर्करों की हड़ताल को कमजोर नहीं पड़ी।