Haryana के पांच बार के मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा आज फतेहाबाद से शुरू हो गई, लेकिन इस यात्रा के पीछे छिपे राजनीतिक संदेश और परिवार की आपसी कलह ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है। यात्रा के दौरान समर्थकों ने ओपी चौटाला को लौहपुरुष बताते हुए उनके अमर रहने के नारे लगाए, जबकि इनेलो परिवार के बीच गहरी राजनीतिक रंजिश भी सामने आई।
यात्रा की शुरुआत फतेहाबाद से हुई, जहां हजारों समर्थकों ने ओपी चौटाला को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस यात्रा में उनके पोते अर्जुन चौटाला और भतीजे आदित्य देवीलाल भी शामिल हुए, जिन्होंने यात्रा की अगुआई की। यात्रा का उद्देश्य उन लोगों के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करना है जो ओपी चौटाला के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए थे।
इसके साथ ही, इनेलो के लिए यह यात्रा अस्तित्व की लड़ाई बन चुकी है। पिछले कुछ सालों में पार्टी में हुई टूट-फूट और परिवार में हुए मतभेदों के बाद अब पार्टी अपनी पहचान बचाने की जद्दोजहद में है। हालांकि, इनेलो के कुछ नेताओं का मानना है कि कांग्रेस की लगातार हार और भाजपा-जेजेपी गठबंधन के वोटरों की असंतुष्टि, इनेलो के लिए फिर से एक मौका हो सकता है।
इनेलो का यह संघर्ष एक ऐसे समय में हो रहा है, जब पार्टी को चुनावी प्रतीक ‘चश्मा’ खोने का खतरा है, क्योंकि पार्टी को इस बार जरूरी वोट प्रतिशत हासिल नहीं हो सका। इसके बावजूद इनेलो के नेता इसे एक अवसर के रूप में देख रहे हैं, और हरियाणा की सियासत में अपनी वापसी की उम्मीदें जता रहे हैं।