injection of Rs 17 crore from America

Yamunanagar : 6 साल की उम्र में हुई लाइलाज बीमारी, अमेरिका से लगेगा 17 करोड़ का इंजेक्शन, भारत में नहीं है इलाज, घर की माली हालत खराब

बड़ी ख़बर यमुनानगर हरियाणा

एक 9 साल का बच्चा जिसका नाम फरीद है। फरीद में वह सभी गुण है जो बाकी बच्चों में होते हैं। लेकिन एक लाइलाज बीमारी ने न सिर्फ उसके सपनों को चकनाचूर कर दिया बल्कि उसके मां-बाप भी उसकी जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह कहानी है यमुनानगर जिले के बुढ़िया गांव के एक गरीब परिवार के एक बच्चे की। 5 साल तक तो फरीद बाकी सब बच्चों के बीच खेलते कूदता और हंसता रहा। लेकिन अब उसकी यह हंसी छीन सी गई है। फिलहाल उसकी उम्र 9 साल है और वह पहली कक्षा में पड़ता है। लेकिन परिवार फरीद की जिंदगी बचाने के लिए महीने में चार बार चंडीगढ़ पीजीआई के चक्कर लगाता हैं। घर में खाने के दाने नहीं है। फरीद के पिता शहजाद एक सैलून चलाते हैं। बममुश्किल महीने में 5 से 6 हजार ही कमाते हैं। घर की माली हालत बेहद खराब है। घर की छत भी पक्की नहीं है। बारिश के दिनों में पानी छत से टपकता है।

लेकिन फरीद की बीमारी में हर महीने 10 हजार का खर्च आता है। फरीद के पिता शहजाद ने लाखों के लोन लिए हैं। वह भी फरीद की जिंदगी बचाने के लिए। परिवार का खर्च कैसे चल रहा है यह ना तो शहजाद को पता है और ना ही उनकी पत्नी फरीदा को। दरअसल जब फरीद 5 साल का था तब वह चलते-चलते अचानक से गिर जाता था और फिर उठ नहीं पता था। शुरुआत में परिवार को कुछ समझ नहीं आया। नजदीक के अस्पताल में चेक कराया तो चंडीगढ़ पीजीआई में इलाज की सलाह दी। लेकिन जब विदेश से फरीद की बीमारी की रिपोर्ट आई तो परिवार के पैरों तले से जमीन खीसक गई। रिपोर्ट में डचइन मसक्यूलर डेयस्टरोफी नाम की एक लाइलाज बीमारी है जिसका भारत में कोई इलाज नहीं है।

विदेश में इलाज कराएं तो एक इंजेक्शन की कीमत है 17 करोड़

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अगर विदेश में इसका इलाज कराएंगे तो एक इंजेक्शन की कीमत करीब 17 करोड रुपए है। परिवार यह सुनकर सन हो गया। लेकिन माता-पिता फरीद की जिंदगी बचाने के लिए कर्ज में तो डूब गए हैं लेकिन उनके हौसले नहीं हारे हैं। एक तरफ परिवार का खर्च चला रहे हैं तो दूसरी तरफ कर्ज लेकर फरीद का इलाज करा रहे हैं। फरीद के पिता शहजाद बताते हैं कि अभी तो यह बीमारी फरीद को है लेकिन मेरे छोटे बेटे मैं भी इसके लक्षण पाए गए हैं। इस वक्त मेरे ऊपर क्या बीत रही है इसे सिर्फ मैं ही महसूस कर सकता हूं। प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर नेताओं तक मैं कई बार मदद की गुहार लगा चुका हूं लेकिन हर बार मुझे निराशा ही हाथ लगी है।

फरीद का पुलिस में भर्ती होने का है सपना

फरीद बताता है कि मैं स्कूल में भी जाता हूं और मेरा सपना एक पुलिस अफसर बनना है लेकिन यह शायद तभी पूरा हो सकता है जब उसे परिवार के पास 17 करोड रुपए होंगे और तब वह इंजेक्शन लगवाने के बाद अपने पैरों पर खड़ा और चल सकेगा । फरीद की माता फरीदा बताती है कि फरीद के खर्च के लिए हमने कई लोन लिए हुए हैं। घर का खर्च कैसे चल रहा है यह तो ऊपर वाला जानता है। फिलहाल इस परिवार को न सिर्फ आर्थिक मदद की जरूरत है बल्कि दुआओं का कभी सहारा चाहिए।