बलात्कार और हत्या के मामले में सुनारिया जेल में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम के लिए रक्षाबंधन पर बहनें नाराज दिखीं। इस बार रक्षाबंधन पर राम रहीम के लिए राखियों का ढेर नहीं पहुंचा। बता दें कि हर साल लाखों की संख्या में राम रहीम के लिए राखियां पहुंचती थी, जबकि इस रक्षाबंधन पर राखियों की संख्या नाममात्र ही रही। पहले डाक विभाग की ओर से राखियों के लिए अलग से विभाग बनाया जाता था, लेकिन इस बार में राम रहीम की बहनों ने केवल 1200 राखियां ही पहुंचाई हैं। जिससे डाक विभाग के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।
सुनारिया जेल में 2017 से बंद गुरमीत राम रहीम के 6 साल बीतते-बीतते अब बहनें भी नाराज होती जा रही हैं। पिछले 6 साल की अपेक्षा इस बार रक्षाबंधन पर गुरमीत राम रहीम के लिए नाममात्र ही राखियां पहुंची हैं। जहां शुरू-शुरू में रक्षाबंधन पर गुरमीत के लिए 5 लाख राखियां पहुंची तो इस बार एक हजार का ही आंकड़ा पार हो पाया है। यही नहीं इस बार हर साल की तरह राखियों की छंटनी के लिए डाक विभाग की ओर से कोई अलग से शाखा भी बनाने की जरूरत नहीं पड़ी। पिछले साल राम रहीम के लिए लाखों की संख्या में रोहतक डाक विभाग में राखियां पहुंची थी। वहीं डाक विभाग की ओर से इन दिनों राखियों की छंटनी करने के लिए राम रहीम के कारण अलग से कर्मचारी नियुक्त किए जाते थे, लेकिन इस बार कम राखियां होने के चलते विभाग को ऐसा कदम उठाने जरूरत ही नहीं पड़ी।
राखियां बांटने के लिए 40 पोस्टमैन की लगाई गई ड्यूटी
रोहतक डाक विभाग के मुख्य पोस्ट मास्टर दीपक मल्होत्रा का कहना है कि त्योहार के वक्त पर डाक विभाग के कर्मचारियों का काम बढ़ जाता है। राखियां बांटने के लिए 40 पोस्टमैन की ड्यूटी लगाई गई है। जब उनसे सवाल किया गया कि इस बार गुरमीत राम रहीम के लिए राखियां कम आई हैं तो उन्होंने कहा कि समय बीतने के साथ माहौल भी बदलता जा रहा है। कभी ज्यादा राखियां पहुंचती हैं तो कभी कम। उन्होंने कहा कि रोहतक डाक विभाग की ओर से राखियों की छंटनी के लिए हब बनाया गया है, यहां से छंटनी होकर पीटीसी सुनारिया में राखियां भेजी जाती है।